108 एंबुलेंस चालकों का सांकेतिक हड़ताल शुरू, मांगों को लेकर प्रदर्शन की तैयारी

#गढ़वा #108_एंबुलेंस_हड़ताल : काला बिल्ला लगाकर तीन दिवसीय प्रतीकात्मक विरोध — 28 जून को राज्यसभा के सामने धरना की चेतावनी

तीन चरणों में विरोध, मांगें नहीं मानी तो आंदोलन तेज होगा

गढ़वा जिले में झारखंड प्रदेश एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले 108 एंबुलेंस चालकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तीन चरणों में सांकेतिक हड़ताल शुरू कर दी है। सोमवार, 16 जून से 18 जून तक एंबुलेंस चालक काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी करेंगे। यह प्रतीकात्मक विरोध उनके लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर किया जा रहा है।

28 जून को राजभवन के सामने होगा धरना

संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी ने जानकारी दी कि 19 जून को सभी जिला मुख्यालयों में कैंडल मार्च निकाला जाएगा, और यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो 28 जून को रांची में राजभवन के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी 108 एंबुलेंस चालकों की मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन और तेज किया जाएगा

प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी ने कहा: “हम सब सिर्फ अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। न्यूनतम मानदेय, बीमा, पीएफ, ईएसआई जैसी सुविधाएं मिलना हमारा हक है।”

यह हैं एंबुलेंस कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने जिन मुद्दों को लेकर विरोध दर्ज किया है, उनमें शामिल हैं:

संघ का कहना है कि पहले की एजेंसी की तरह उन्हें भी कुशल मजदूरी का लाभ मिलना चाहिए और सरकार को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।

जिला और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी शामिल

इस विरोध में कई पदाधिकारी सक्रिय रूप से शामिल रहे, जिनमें प्रमुख रूप से कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश कुमार, प्रदेश सचिव मृत्युंजय कुमार, प्रदेश कोषाध्यक्ष कुणाल बनर्जी, प्रदेश उपाध्यक्ष रविकांत देव, रूपेश कुमार, जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार, जिला सचिव रवींद्र शर्मा सहित अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: संवेदनशील सेवा के साथ अन्याय क्यों?

108 एंबुलेंस सेवा जीवन रक्षक सेवा है — ऐसे में इन कर्मचारियों की समस्याओं की अनदेखी सिस्टम की संवेदनहीनता को उजागर करती है। एक ओर सरकार आपातकालीन सेवा के महत्व की बात करती है, वहीं दूसरी ओर इन कर्मचारियों को पीएफ, बीमा और स्थायित्व जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है। ‘न्यूज़ देखो’ मांग करता है कि प्रशासन और नीति निर्माता इन कर्मचारियों की मांगों पर संज्ञान लें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

समाज के लिए जरूरी है सेवाकर्मियों की सुरक्षा और सम्मान

जो लोग दूसरों की जान बचाते हैं, उनके हक और सम्मान की रक्षा करना समाज की जिम्मेदारी है। नागरिकों को भी इन आवाज़ों के साथ खड़ा होना चाहिए और सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि वो संवेदनशील सेवाओं में काम कर रहे कर्मियों को उचित सुविधाएं दे।
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