
#सिमडेगा #स्वास्थ्य_शिविर : भिखराटोली में आयोजित प्रखंड स्तरीय आयुष वयोवृद्ध स्वास्थ्य कैंप में आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक पद्धति से 109 मरीजों की जांच कर उपचार प्रदान किया गया
- भिखराटोली, बानो में आयुष वयोवृद्ध स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया गया।
- डॉ. सुभद्रा कुमारी के निर्देशानुसार शिविर में उपचार और जागरूकता कार्यक्रम चला।
- आयुष चिकित्सक डॉ. जावेद आलम के नेतृत्व में 109 मरीजों की स्वास्थ्य जांच की गई।
- मरीजों को निःशुल्क दवा वितरण किया गया।
- शिविर में घुटना दर्द, कमर दर्द, गठिया, गैस, पेट दर्द सहित कई समस्याओं की जांच हुई।
- संचालन में योग प्रशिक्षक गिरधारी सिंह, सुबंती कंडुलना, सावित्री देवी, पार्वती नाग, कांति टेटे, विरजमनी सुरीन की प्रमुख भूमिका रही।
बानो प्रखंड के भिखराटोली में गुरुवार को आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुभद्रा कुमारी के निर्देशानुसार प्रखंड स्तरीय वयोवृद्ध आयुष स्वास्थ्य कैंप आयोजित किया गया। शिविर में आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक पद्धति के माध्यम से मरीजों की जांच और उपचार किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बुजुर्गों, महिलाओं और आम मरीजों को सुलभ एवं प्रभावी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना था। कैंप में सुबह से ही मरीजों की भीड़ देखी गई, जहां विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों ने अपना उपचार कराया।
आयुष पद्धति से 109 मरीजों की जांच
शिविर में आयुष चिकित्सक डॉ. जावेद आलम के नेतृत्व में कुल 109 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें घुटना दर्द, कमर दर्द, सायटिका, गठिया, गैस, पेट दर्द, एसिडिटी जैसी आम समस्याएँ प्रमुख रहीं। शिविर में आए मरीजों को उनकी बीमारी के अनुसार आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाइयाँ प्रदान की गईं।
डॉ. जावेद आलम ने कहा: “आयुष पद्धति का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित, सस्ती और प्रभावकारी चिकित्सा प्रदान करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे शिविर स्वास्थ्य जागरूकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”
मुफ्त दवा और स्वास्थ्य परामर्श
शिविर के दौरान सभी मरीजों को निःशुल्क दवा वितरण किया गया। साथ ही उन्हें खान-पान, जीवनशैली, योग और दिनचर्या के माध्यम से स्वास्थ्य सुधार के तरीकों की जानकारी दी गई। आयुष चिकित्सकों ने बताया कि उम्रदराज लोगों को नियमित रूप से योग और प्राणायाम की आदत अपनानी चाहिए ताकि वे जीवनशैली संबंधी बीमारियों से बच सकें।
योग प्रशिक्षक गिरधारी सिंह ने कहा: “नियमित योग अभ्यास बुजुर्गों के लिए वरदान है। इससे दर्द, तनाव और अन्य कई बीमारियों में राहत मिलती है।”
शिविर संचालन में स्थानीय टीम की अहम भूमिका
शिविर के सफल संचालन में आयुष टीम तथा स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। योग प्रशिक्षक गिरधारी सिंह, सुबंती कंडुलना, सावित्री देवी, पार्वती नाग, कांति टेटे, विरजमनी सुरीन ने स्वास्थ्य शिविर को सफल बनाने में सहयोग दिया। शिविर के दौरान टीम ने मरीजों का पंजीयन, जांच और दवा वितरण की जिम्मेदारी सुचारू रूप से निभाई।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने की सराहनीय पहल
बानो के भिखराटोली में आयोजित यह शिविर ग्रामीण समुदाय की वास्तविक जरूरतों को पूरा करने वाली पहल है। आयुष पद्धति आधारित उपचार और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुधार का महत्वपूर्ण माध्यम बनते जा रहे हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसी पहलें स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को और मजबूत करती हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वस्थ गाँव, जागरूक समाज
स्वास्थ्य शिविर न केवल उपचार का साधन हैं, बल्कि सामुदायिक जागरूकता का माध्यम भी हैं। यदि हर नागरिक अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे और समय पर जाँच कराए, तो कई बीमारियों से बचाव संभव है।
आइए मिलकर अपने गाँवों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाएँ।
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