
#दुमका #शिक्षा : सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में 17 साल बाद सहायक प्राध्यापकों की स्टेज वन से टू में प्रोन्नति की प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है
- सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के 120 सहायक अध्यापकों को 17 साल बाद प्रोन्नति मिलने जा रही है।
- झारखंड लोक सेवा आयोग ने प्रोन्नति की अनुशंसा की है।
- कुल 25 विषयों के सहायक अध्यापकों को इस प्रोन्नति का लाभ मिलेगा।
- पहले पीएचडी धारकों को 4 साल, और एमफिल धारकों को 5 साल में प्रमोशन मिलना था, लेकिन अब 17 साल बाद सभी को राहत मिलेगी।
- एसीएसडी से नया वेतनमान तय किया जाएगा।
- विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही प्रोन्नति आदेश जारी करेगा।
दुमका के सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में लंबे समय से प्रतीक्षित प्रोन्नति का मामला अब समाधान की ओर है। 17 साल से सहायक प्राध्यापकों की स्टेज वन से टू में प्रोन्नति रुकी हुई थी, जिससे शिक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त था। इस बार झारखंड लोक सेवा आयोग ने प्रोन्नति की अनुशंसा करते हुए प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया है। कुल 120 सहायक अध्यापक, जो 25 अलग-अलग विषयों में पढ़ाते हैं, अब इस लंबित प्रोन्नति का लाभ प्राप्त करेंगे।
प्रोन्नति की विशेषताएं
पहले पीएचडी और एमफिल धारकों के लिए निर्धारित प्रोन्नेशन अवधि क्रमशः 4 और 5 साल थी। हालाँकि, कई कारणों से यह प्रक्रिया अब तक लंबित रही। अब 17 साल बाद सभी योग्य सहायक प्राध्यापकों को स्टेज टू में प्रोन्नति मिलने वाली है, जिससे उनकी सैलरी और सेवा के स्तर में वृद्धि सुनिश्चित होगी।
विश्वविद्यालय सूत्रों ने कहा: “प्रोन्नति आदेश जल्द ही जारी किया जाएगा और सभी सहायक अध्यापकों को नए वेतनमान के अनुसार लाभ मिलेगा।”
आगे की प्रक्रिया
प्रोन्नति के लिए नया वेतनमान एसीएसडी से तय होगा। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन आधिकारिक आदेश जारी करेगा और सभी पात्र सहायक अध्यापक अपने प्रोन्नेशन का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
न्यूज़ देखो: लंबित प्रोन्नति में सहायक अध्यापकों को मिली राहत
17 साल बाद सहायक अध्यापकों की प्रोन्नति न केवल उनके व्यक्तिगत हित में, बल्कि विश्वविद्यालय के शिक्षण स्तर और कर्मचारी संतोष के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह कदम कर्मचारियों की मेहनत और धैर्य का सम्मान करता है और शिक्षा क्षेत्र में स्थिरता लाने में मदद करेगा।
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प्रेरक समापन और सामाजिक संदेश
शिक्षा क्षेत्र में कर्मचारी संतोष और समय पर प्रोन्नति प्रणाली से ही गुणवत्ता सुनिश्चित होती है। सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। इस खुशखबरी को साझा करें, अपने सहकर्मियों को जानकारी दें और शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव के लिए सजग बने रहें।