
#गिरिडीह #नाबालिगशोषण : मासूम की हालत नाजुक समाज और कानून व्यवस्था दोनों के लिए गहरी चुनौती
- गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र से दिल दहला देने वाली घटना।
- 13 वर्षीय बच्ची ने धनबाद एसएनएमएमसीएच अस्पताल में बेटे को जन्म दिया।
- आरोपी सुभाष सिंह (18 वर्ष) पर दोस्ती और प्रेम के नाम पर शोषण का आरोप।
- बच्ची और नवजात दोनों की गंभीर हालत, डॉक्टरों की निगरानी में।
- परिजनों और स्थानीय लोगों ने आरोपी को कठोर सजा देने की मांग की।
गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। सिर्फ 13 साल की मासूम बच्ची ने बुधवार को धनबाद एसएनएमएमसीएच अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। प्रसव के दौरान बच्ची और उसके नवजात दोनों की हालत गंभीर हो गई, जिसके चलते उन्हें डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है।
आरोपी ने मासूम को बनाया शिकार
पुलिस के अनुसार, आरोपी सुभाष सिंह (18 वर्ष) ने मासूम बच्ची को दोस्ती और प्रेम का भरोसा दिलाया और फिर उसका शारीरिक शोषण किया। गर्भवती होने की जानकारी मिलने पर आरोपी ने किनारा कर लिया और बच्ची को उसके हाल पर छोड़ दिया।
परिजनों की बेबसी और सामाजिक दबाव
परिजनों को कुछ माह पहले ही बच्ची की गर्भावस्था का पता चला, लेकिन समाज में अपमान और बेटी की जान के डर से उन्होंने मामले को छिपाने की कोशिश की। मंगलवार देर रात बच्ची को तेज प्रसव पीड़ा हुई तो पहले उसे डुमरी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर धनबाद रेफर कर दिया गया।
अस्पताल में भावुक हुआ स्टाफ
जब बच्ची ने बेटे को जन्म दिया तो उसकी हालत देखकर अस्पताल के डॉक्टर और नर्स भी भावुक हो उठे। चिकित्सकों का कहना है कि इतनी कम उम्र में गर्भधारण और प्रसव मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद खतरनाक होता है। फिलहाल दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है।
आरोपी पर कार्रवाई की मांग
इस घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। स्थानीय लोग और परिजन आरोपी को सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं ताकि नाबालिग बच्चियों के साथ ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति न हो। सरायढेला पुलिस ने मामले की पुष्टि करते हुए उच्च अधिकारियों को सूचना दी है।
न्यूज़ देखो: मासूमों की सुरक्षा पर गहरी चोट
गिरिडीह की यह घटना समाज और कानून व्यवस्था दोनों के लिए गहरी चेतावनी है। मासूम बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और सामाजिक संवेदनशीलता को लेकर सजगता जरूरी है। अगर समाज समय रहते जागरूक न हुआ, तो ऐसी घटनाएं बार-बार मासूमों का बचपन और भविष्य छीन लेंगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अब समय है बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का
यह घटना हमें झकझोरती है कि बच्चों की सुरक्षा और जागरूकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। अब समय है कि समाज, परिवार और प्रशासन मिलकर यह सुनिश्चित करें कि कोई और बच्ची ऐसी पीड़ा न झेले। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले और दोषियों को कठोर सजा मिल सके।