#गिरिडीह #स्वास्थ्यसहायतायोजना – योजना का लाभ अब सुदूरवर्ती ग्रामीणों तक पहुँचाने की तैयारी
- उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में हुई समीक्षा बैठक
- अब तक प्राप्त 140 में से 133 आवेदनों को स्वीकृति दी गई
- अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यकों के लिए राहतकारी योजना
- ₹1500 से ₹25,000 तक की सहायता गंभीर बीमारियों व कोविड मरीजों को
- राशन कार्डधारियों (Antyodaya/ Priority/ हरा कार्ड) के लिए विशेष पात्रता
सुदूर ग्रामीणों तक योजना का लाभ पहुंचे – उपायुक्त
गिरिडीह, 18 जून — जिले में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना की प्रगति की समीक्षा को लेकर आज समाहरणालय सभागार में एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। उपायुक्त श्री रामनिवास यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, विधायक प्रतिनिधिगण एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि योजना के अंतर्गत अब तक कुल 140 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 133 आवेदनों को अनुमोदन प्रदान कर सहायता दी जा चुकी है।
सामाजिक रूप से वंचित वर्गों को राहत
यह योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक राहतकारी कदम है। इसके अंतर्गत गंभीर बीमारी, कैंसर, कोविड जैसी समस्याओं से जूझ रहे पात्र लाभुकों को ₹1500 से लेकर ₹25,000 तक की आर्थिक मदद दी जाती है।
“इस योजना का लाभ दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचना चाहिए, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति स्वास्थ्य सहायता से वंचित न रहे।”
— उपायुक्त रामनिवास यादव
पात्रता और प्रक्रिया
इस योजना के लाभ के लिए लाभार्थी के पास Priority / Antyodaya / हरा राशन कार्ड होना अनिवार्य है। साथ ही आवेदन के समय चिकित्सीय प्रमाणपत्र, पहचान पत्र और बीमारी से संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होते हैं।
बैठक में अधिकारियों ने आवेदन प्रक्रिया को अधिक सरल बनाने और प्रचार-प्रसार बढ़ाने पर बल दिया, ताकि जरूरतमंद लोग खुद आगे बढ़कर योजना का लाभ ले सकें।
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मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना उन लोगों के लिए आशा की किरण है, जो इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। न्यूज़ देखो लगातार यह सुनिश्चित करता है कि ऐसी योजनाओं की जानकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
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आगे क्या?
- आशा कार्यकर्ता और जनसेवकों के माध्यम से पंचायत स्तर तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा
- दूरस्थ इलाकों में विशेष शिविर लगाकर आवेदन प्रक्रिया को सरल किया जाएगा
- अधिक से अधिक लाभुकों को योजना से जोड़ने की रणनीति तैयार की जाएगी