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20 बाल कराटेकारों को मिला बेल्ट और प्रमाण-पत्र, संत मरियम विद्यालय में खेल प्रतिभाओं का सम्मान

#मेदिनीनगर #खेल_सम्मान : संत मरियम विद्यालय में बेल्ट ग्रेडिंग में सफल 20 विद्यार्थियों का सम्मान समारोह आयोजित हुआ।

मेदिनीनगर के संत मरियम विद्यालय, नावाटोली डालटनगंज में शुक्रवार को कराटे बेल्ट ग्रेडिंग में उत्तीर्ण 20 विद्यार्थियों को बेल्ट और प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। विद्यालय के प्राचार्य कुमार आदर्श ने सभी बाल कराटेकारों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में कराटे के माध्यम से शारीरिक स्वास्थ्य, आत्मरक्षा और अनुशासन के महत्व को रेखांकित किया गया। यह आयोजन बच्चों में खेल संस्कृति और आत्मविश्वास को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण रहा।

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  • 20 बाल कराटेकारों को बेल्ट ग्रेडिंग में सफलता पर सम्मान मिला।
  • संत मरियम विद्यालय, नावाटोली डालटनगंज में आयोजन।
  • प्राचार्य कुमार आदर्श ने सभी विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
  • इंटरनेशनल शोतो–कॉन कराटे फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में प्रमाण-पत्र।
  • क्योशी डॉ. संतोष कुमार को बेस्ट कोच ऑफ द ईयर–2025 सम्मान।

मेदिनीनगर स्थित संत मरियम विद्यालय (नावाटोली, डालटनगंज) के कॉन्फ्रेंस हॉल में शुक्रवार को उत्साह और गर्व से भरा वातावरण देखने को मिला, जब कराटे बेल्ट ग्रेडिंग में सफल विद्यार्थियों के सम्मान हेतु विशेष समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के 20 बाल कराटेकारों को उनकी मेहनत और अनुशासन का प्रतिफल स्वरूप बेल्ट एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। समारोह में विद्यार्थियों के अभिभावक, शिक्षकगण और कराटे प्रशिक्षक भी उपस्थित रहे।

बेल्ट ग्रेडिंग में सफल विद्यार्थियों का प्रदर्शन

इस अवसर पर विभिन्न स्तरों की बेल्ट ग्रेडिंग में सफल विद्यार्थियों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। बैंगनी बेल्ट प्राप्त करने वाले उज्ज्वल राज ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी का ध्यान आकर्षित किया। हरी बेल्ट पाने वालों में शुभम कुमार सिंह और लाडली कुमारी शामिल रहीं, जिन्होंने निरंतर अभ्यास और अनुशासन से यह उपलब्धि हासिल की।

नारंगी बेल्ट प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में ऋतुराज, अनिकेत कुमार, अनुराग कुमार, शहजाद हसन, हर्ष मेहता, आदित्य वर्धन, युवराज कोरवा, उजाला कुमारी, प्रियांशु चंद्रवंशी एवं चंचल कुमार के नाम शामिल हैं। वहीं पीली बेल्ट प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में सत्यम उरांव, सूर्य प्रकाश, सचिन कुमार, सुरजीत राज, सत्यम चंद्रवंशी, नारद यादव एवं अमित कुमार शामिल रहे।

प्राचार्य का प्रेरक संबोधन

सम्मान समारोह के दौरान विद्यालय के प्राचार्य कुमार आदर्श ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कराटे केवल आत्मरक्षा का माध्यम नहीं है, बल्कि यह बच्चों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास में सहायक है।
उन्होंने कहा:

कुमार आदर्श ने कहा: “कराटे बच्चों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है और मानसिक रूप से आत्मविश्वासी भी करता है।”

प्राचार्य ने विद्यार्थियों को मोबाइल फोन से दूरी बनाकर खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों में नियमित भागीदारी करने की सलाह दी। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि आज के समय में लड़कियों और महिलाओं के लिए आत्मरक्षा के दृष्टिकोण से कराटे सीखना अत्यंत आवश्यक है।

अंतरराष्ट्रीय संस्था के तत्वावधान में आयोजन

बेल्ट एवं प्रमाण-पत्र इंटरनेशनल शोतो–कॉन कराटे फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में प्रदान किए गए, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और भी बढ़ गई। यह संस्था देशभर में कराटे को एक अनुशासित खेल और आत्मरक्षा प्रणाली के रूप में बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।

मुख्य कराटे प्रशिक्षक को मिला सम्मान

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के मुख्य कराटे प्रशिक्षक क्योशी डॉ. संतोष कुमार को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उन्हें आसनसोल (पश्चिम बंगाल) में आयोजित कार्यक्रम में बेस्ट कोच ऑफ द ईयर–2025 का प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने पर प्राचार्य द्वारा बधाई दी गई। इस उपलब्धि को विद्यालय और जिले के लिए गर्व का विषय बताया गया।

इस अवसर पर कराटे प्रशिक्षक शिहान शहजाद हुसैन कादरी एवं कोरियोग्राफर सनतन सोनी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। दोनों प्रशिक्षकों ने विद्यार्थियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें निरंतर अभ्यास के लिए प्रेरित किया।

न्यूज़ देखो: खेल से संवरता भविष्य

यह आयोजन दर्शाता है कि यदि विद्यालय स्तर पर खेलों को उचित मंच और सम्मान मिले, तो बच्चे न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त बनते हैं। कराटे जैसे खेल आत्मरक्षा, अनुशासन और आत्मविश्वास को बढ़ावा देते हैं, जो आज के समय की आवश्यकता है। संत मरियम विद्यालय द्वारा इस प्रकार के आयोजन खेल संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में सकारात्मक पहल हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आत्मरक्षा और आत्मविश्वास की ओर एक कदम

बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों से जोड़ना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। कराटे जैसे खेल उन्हें सुरक्षित, आत्मनिर्भर और अनुशासित बनाते हैं। अभिभावकों और समाज को चाहिए कि वे बच्चों को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है—कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएं।

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