
#गढ़वा #धार्मिक_आयोजन : 127 साल पुराने नवदेश्वर मंदिर में 20वें स्थापना दिवस पर हुआ विशेष रुद्राभिषेक — बनारस से पधारे आचार्यों के नेतृत्व में हुआ पूजन
- गढ़वा के सहिजना मोहल्ले में 127 साल पुराने शिव मंदिर का मनाया गया स्थापना दिवस
- 13 जुलाई 2005 को पुनर्निर्माण के बाद हर साल होता है रुद्राभिषेक का आयोजन
- बनारस से आए विद्वान आचार्यों ने संपन्न कराया पूजन, श्रद्धालुओं को मिला आध्यात्मिक अनुभव
- पूर्व पार्षद जितेंद्र सिन्हा ने बताया मंदिर की ऐतिहासिक विरासत और जागृत शिवलिंग की महिमा
- सैकड़ों श्रद्धालुओं ने रुद्राभिषेक और पूजा-अर्चना में लिया हिस्सा, एसडीओ समेत कई गणमान्य उपस्थित
प्राचीन मंदिर में आस्था का भव्य उत्सव
गढ़वा शहर के सहिजना मोहल्ले में स्थित नवदेश्वर शिव मंदिर में 20वां स्थापना दिवस बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। यह मंदिर 1898 में स्थापित किया गया था और 2005 में मोहल्लेवासियों के सहयोग से इसका पुनर्निर्माण हुआ था। तभी से हर वर्ष 13 जुलाई को रुद्राभिषेक और विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है।
इस वर्ष भी स्थापना दिवस पर भव्य आयोजन हुआ, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धा, संस्कृति और सामुदायिक सहयोग की मिसाल बना यह उत्सव मोहल्ले के साथ-साथ पूरे गढ़वा शहर के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया।
बनारस से आए विद्वानों ने कराया रुद्राभिषेक
पूजन कार्यक्रम का नेतृत्व बनारस से पधारे आचार्य पं. रोहित दीक्षित, संजय पांडेय और मनोज मिश्रा ने किया। मंत्रोच्चार और विधिपूर्वक संपन्न कराए गए रुद्राभिषेक में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। आचार्यों ने बताया कि रुद्राभिषेक से मनुष्य के समस्त कष्ट दूर होते हैं और भगवान शिव अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं।
उन्होंने बताया कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग जागृत है और इसीलिए श्रद्धालुओं की आस्था वर्षों से यहां अडिग बनी हुई है।
मंदिर की ऐतिहासिक विरासत और धार्मिक महत्व
इस अवसर पर पूर्व वार्ड पार्षद एवं अधिवक्ता जितेंद्र सिन्हा ने बताया:
“127 वर्ष पूर्व मेरे पूर्वजों द्वारा इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की गई थी। 2005 में इसे पुनर्निर्मित किया गया और तब से यह आयोजन लगातार होता आ रहा है। यह मंदिर न केवल सहिजना मोहल्ले बल्कि आसपास के गांवों की आस्था का केंद्र है।”
उन्होंने बताया कि मंदिर का यह वार्षिकोत्सव सामूहिक सहभागिता और धर्म-संस्कृति के संरक्षण का प्रतीक बन गया है।
सैकड़ों श्रद्धालु और प्रशासनिक अधिकारी रहे मौजूद
पूजन कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। विशेष रूप से उपस्थित रहे अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार, मनोज पाठक, मुकेश सिन्हा, राजू सिन्हा, अजीत सिन्हा, अनिल सिन्हा, प्रो. उमेश सहाय, गुड्डू तिवारी, रामाधार सिंह, संजू सिंह, आलोक, नीरज, निखिल सहित कई अन्य गणमान्य नागरिक। सभी ने मिलकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और मंदिर के भविष्य के लिए मंगलकामना की।
भक्ति, संस्कृति और सेवा का संगम
यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता, सामाजिक एकता और आध्यात्मिक चेतना का भी प्रतीक है। मोहल्ले के नागरिकों ने एक बार फिर यह साबित किया कि संस्कृति की जड़ें जब सामूहिक सहयोग से सिंचित होती हैं, तो समाज में सशक्तता और एकता स्वाभाविक रूप से आती है।

न्यूज़ देखो: गढ़वा की संस्कृति में रची-बसी आस्था की परंपरा
सहिजना शिव मंदिर का यह आयोजन गढ़वा जिले की गहराई से जुड़ी धार्मिक चेतना और सामाजिक समर्पण को दर्शाता है। न्यूज़ देखो ऐसे आयोजनों के माध्यम से यह संदेश देना चाहता है कि स्थानीय स्तर पर सक्रिय नागरिक पहल और आस्था के साथ जुड़ी परंपराएं समाज को मजबूत बनाती हैं।
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सकारात्मक सोच से बनेगा सशक्त समाज
आपका शहर, आपकी संस्कृति, आपका गौरव। आइए, इस तरह के धार्मिक और सामाजिक आयोजनों से जुड़कर अपनी नई पीढ़ी को भी परंपराओं से जोड़ें।
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