#गिरिडीह #योगप्रशिक्षण : योग, प्राणायाम, आयुर्वेद और भारतीय धर्म-दर्शन की मिलेगी गहन जानकारी
- सर जेसी बॉस बालिका उच्च विद्यालय में हुआ शुभारंभ।
- 21 दिन का प्रशिक्षण, कुल 100 घंटे का कार्यक्रम।
- योग-प्राणायाम के साथ आयुर्वेद और स्वदेशी चिकित्सा पद्धति पर फोकस।
- प्रशिक्षण पूरा करने पर सह-योग शिक्षक का प्रमाणपत्र मिलेगा।
- प्रतिभागियों को राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय योग प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर।
गिरिडीह। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के तत्वावधान में पतंजलि योगपीठ गिरिडीह द्वारा सर जेसी बॉस बालिका उच्च विद्यालय में 21 दिवसीय सह-योग शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। यह प्रशिक्षण कुल 100 घंटे का होगा, जिसमें प्रतिभागियों को योग-प्राणायाम, आयुर्वेद, स्वदेशी चिकित्सा पद्धति और भारतीय धर्म-दर्शन की गहन जानकारी दी जाएगी।
प्रशिक्षण और संचालन
यह प्रशिक्षण भारत स्वाभिमान न्यास (पतंजलि परिवार) गिरिडीह द्वारा आयोजित किया गया है। कार्यक्रम का संचालन जिला प्रभारी नवीन कांत सिंह कर रहे हैं। इसमें संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह, उत्कर्ष गुप्ता, पुष्पा शक्ति, अविनाश प्रसाद और प्रभात खेतान का भी महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा है।
प्रमाणन और भविष्य की संभावनाएँ
प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाले प्रतिभागियों को सह-योग शिक्षक का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र योग प्रमाणन बोर्ड (YCB) के लेवल 1, 2 और 3 की प्रक्रिया में सहायक होगा। इसके साथ ही प्रतिभागी भविष्य में राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की योग प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकेंगे।
प्रतिभागियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी
इस कार्यक्रम में पिंकी खेतान, शिवानी कुमारी, अनीता गंगा, सरिता प्रसाद, प्रेमलता अग्रवाल, प्रेमा केडिया, राजेंद्र तर्व, सुनीता बरनवाल, ममता कांधेवे, गीता साहू, गीता बरनवाल, अनुपमा, सोनी, मुन्नी, मनिता, पूनम, सुरेश प्रसाद, सतीश जी समेत पतंजलि परिवार के कई सदस्य शामिल हुए। सभी ने इस पहल को समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
न्यूज़ देखो: योग से आत्मबल और समाजबल
यह प्रशिक्षण न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करेगा, बल्कि प्रशिक्षित युवाओं को रोज़गार और वैश्विक अवसरों से भी जोड़ेगा। गिरिडीह में इस तरह की पहल स्थानीय स्तर पर सकारात्मक बदलाव और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करेगी।
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योग ही है जीवन का आधार
योग से आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और संस्कार मिलते हैं। अब समय है कि हम सब इस मुहिम से जुड़ें और समाज में योग को जीवनशैली बनाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि अधिक लोग प्रेरित हो सकें।