
#हुसैनाबाद #जमीन_विवाद : चोरही गांव में खूनी संघर्ष घायल ग्रामीणों का अस्पताल में इलाज जारी – अंचल अधिकारी की निष्क्रियता पर लोगों में आक्रोश
- हुसैनाबाद अंचल क्षेत्र के चोरही गांव में जमीन विवाद को लेकर बुधवार की सुबह दो पक्षों में हुई भीषण मारपीट में 21 लोग घायल हुए।
- घायलों को तुरंत अनुमंडलीय अस्पताल हुसैनाबाद भेजा गया जहां सभी का इलाज जारी है।
- विवाद उस समय भड़का जब एक पक्ष ने कटीली तार से घेराबंदी शुरू की जिसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया।
- ग्रामीणों ने अंचल अधिकारी पंकज कुमार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दर्जनों मामले कार्यालय में लंबित पड़े हैं।
- लोगों का कहना है कि अधिकारी की उदासीनता ही क्षेत्र में बढ़ते विवादों और झगड़ों की मुख्य वजह है।
हुसैनाबाद प्रखंड के चोरही गांव में बुधवार की सुबह जमीन विवाद ने हिंसक रूप ले लिया जब एक ही परिवार के दो पक्ष आमने-सामने आ गए। देखते ही देखते लाठी-डंडे चलने लगे और गांव का माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस झड़प में कुल 21 लोग गंभीर रूप से घायल हुए जिन्हें अनुमंडलीय अस्पताल हुसैनाबाद में भर्ती कराया गया।
सूत्रों के अनुसार विवाद की जड़ एक खेत की जमीन को लेकर थी। बताया गया कि एक पक्ष ने खेत की घेराबंदी के लिए कटीली तार लगाने का काम शुरू किया था। जब दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया तो दोनों ओर से तीखी बहस के बाद मामला मारपीट में बदल गया। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा।
घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल
घटना के बाद से गांव में दहशत और तनाव का माहौल है। दोनों पक्षों के परिजन अस्पताल में अपने-अपने घायलों के उपचार में जुटे हैं। घायलों में अशोक मेहता, विजय मेहता, फुलावंती देवी, सरिता देवी समेत कई अन्य शामिल हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस जमीन विवाद को लेकर पहले भी दोनों पक्षों में तनाव बना हुआ था और इस संबंध में एक पक्ष द्वारा अंचल अधिकारी को आवेदन भी दिया गया था। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यही कारण है कि मामला शांत होने के बजाय हिंसक झगड़े में बदल गया।
अंचल कार्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल
ग्रामीणों ने बताया कि अंचल कार्यालय में दर्जनों विवादों पर महीनों से कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। लोगों ने अंचल अधिकारी पंकज कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार शिकायत करने के बावजूद वे मामलों को सुलझाने के बजाय टालते रहते हैं। इससे लोगों का प्रशासन पर भरोसा कमजोर हो रहा है।
एक ग्रामीण ने कहा कि अधिकारी का रवैया उदासीन है और वे दोनों पक्षों की बात ठीक से नहीं सुनते। कई मामलों में बिना जांच के एक पक्ष को कुछ और दूसरे पक्ष को कुछ और समझाकर विवाद को और पेचीदा बना देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि ग्रामीण खुद ही विवाद सुलझाने के नाम पर आपस में भिड़ जाते हैं।
एक स्थानीय निवासी ने कहा: “हम बार-बार अंचल कार्यालय जाते हैं लेकिन वहां हमारी बात सुनी नहीं जाती। जब प्रशासन चुप बैठा रहेगा तो गांवों में झगड़े होना तय है।”
प्रशासनिक लापरवाही से बढ़ रहे विवाद
अंचल क्षेत्र में इस तरह के विवाद लगातार बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि वर्तमान में अंचल कार्यालय में दर्जनों भूमि विवाद के मामले लंबित हैं जिनमें से कई पर महीनों से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गांवों में बार-बार ऐसे विवाद इसलिए भड़कते हैं क्योंकि प्रशासन की तरफ से समय पर जांच या मध्यस्थता नहीं की जाती। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान दिया होता तो चोरही गांव की यह हिंसक घटना टल सकती थी।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अंचल अधिकारी की कार्यशैली की जांच की जाए और क्षेत्र में भूमि विवादों को सुलझाने के लिए विशेष टीम बनाई जाए ताकि आम नागरिकों को न्याय मिल सके।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया लेकिन स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि जब पहले से तनाव की जानकारी थी तो प्रशासन ने रोकथाम के उपाय क्यों नहीं किए। लोगों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन केवल घटनाओं के बाद सक्रिय होता है जबकि विवादों को रोकने के लिए कोई ठोस नीति नहीं अपनाई गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार फिलहाल दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और मारपीट के कारणों की जांच की जा रही है। आवश्यक दस्तावेजों की जांच के बाद संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बढ़ते विवादों से ग्रामीण चिंतित
हुसैनाबाद क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई विवाद सामने आए हैं जिनका मूल कारण प्रशासन की निष्क्रियता बताई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि भूमि विवादों में देरी से निपटान और अधिकारियों के उदासीन रवैये ने समाज में असंतोष और अविश्वास की स्थिति पैदा कर दी है। लोगों का यह भी कहना है कि यदि अंचल कार्यालय में पारदर्शी और समयबद्ध प्रक्रिया अपनाई जाए तो न केवल झगड़े रुकेंगे बल्कि गांवों में शांति भी कायम होगी।
न्यूज़ देखो: जिम्मेदारी की अनदेखी से उपजा हिंसक विवाद
हुसैनाबाद की यह घटना सिर्फ एक पारिवारिक झगड़ा नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का दर्पण है। अंचल कार्यालय में वर्षों से लंबित भूमि विवादों पर ध्यान न देने का परिणाम यह है कि ग्रामीण अब स्वयं न्याय करने की कोशिश में हिंसा पर उतर आते हैं। जिम्मेदार अधिकारी यदि समय रहते हस्तक्षेप करें तो कई जानें बच सकती हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिक बनें न्याय के लिए आवाज उठाएं
समाज में न्याय तभी संभव है जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और प्रशासन को जवाबदेह बनाए। भूमि विवाद जैसे मुद्दे केवल सरकारी फाइलों में नहीं बल्कि आम लोगों के जीवन में गहरी चोट पहुंचाते हैं। अब समय है कि हम सब पारदर्शी व्यवस्था की मांग करें। अपनी राय कमेंट में बताएं खबर को शेयर करें ताकि हर व्यक्ति इस सच्चाई से अवगत हो सके और प्रशासन तक जनता की आवाज पहुंचे। सजग रहें सक्रिय बनें और न्याय की लड़ाई में अपना योगदान दें।



