#रांची #धार्मिकउत्सव : हज़रत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा के 218वें उर्स के अवसर पर डोरंडा दरगाह में मेला बाजार का उद्घाटन समारोह आयोजित
- रांची के डोरंडा दरगाह में 15 सितंबर तक चलने वाले 218वें उर्स मुबारक की आज से शुरुआत।
- उद्घाटन समारोह में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ प्रदेश महासचिव अर्शदुल कादरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल।
- मेला बाजार परिसर का उद्घाटन कर स्थानीय समुदाय और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का शुभारंभ किया गया।
- नगर अध्यक्ष हुसैन खान और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने समारोह में भाग लेकर उत्सव का महत्व बढ़ाया।
- इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समुदाय के लोगों ने बाबा के प्रति श्रद्धा और उत्सव में सहभागिता जताई।
रांची। डोरंडा में हज़रत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा के 218वें उर्स के मौके पर आज धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत हुई। इस अवसर पर दरगाह परिसर में मेला बाजार का उद्घाटन किया गया, जिसमें स्थानीय श्रद्धालु और गणमान्य लोग शामिल हुए। समारोह में उपस्थित नेताओं ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को उर्स की शुभकामनाएं दी और समुदाय में एकता और भाईचारे का संदेश साझा किया।
मेला बाजार और कार्यक्रम की विशेषताएं
उर्स के दौरान मेला बाजार में स्थानीय व्यापारियों के लिए स्टॉल और दुकानें लगाई गई हैं, जहां खाने-पीने के सामान, धार्मिक वस्तुएं और हस्तशिल्प उपलब्ध होंगे। श्रद्धालु और आगंतुक मेला परिसर में विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
नेताओं और समुदाय की सहभागिता
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने इस अवसर पर कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन सामाजिक सौहार्द और समुदायिक जुड़ाव को मजबूत करता है। वहीं अर्शदुल कादरी ने उर्स के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आयोजन लोगों को भाईचारा, शांति और सहयोग की भावना के साथ जोड़ता है।
केशव महतो कमलेश ने कहा: “हज़रत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा का उर्स न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है।”
इस अवसर पर नगर अध्यक्ष हुसैन खान, स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: धार्मिक आयोजनों में समुदाय की सहभागिता
यह आयोजन दर्शाता है कि धार्मिक उत्सवों के माध्यम से स्थानीय समाज और समुदाय के बीच भाईचारे और सामूहिक सहयोग को बढ़ावा मिलता है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम सफल और सुगम हुआ।
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सहभागिता बढ़ाएं, उत्सव का आनंद लें
स्थानीय धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। इस खबर को साझा करें, अपने सुझाव दें और समुदायिक एकता को मजबूत करें।