Ranchi

रांची में 27वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद बैठक: अमित शाह की अध्यक्षता में 68 प्रतिनिधियों की मौजूदगी, नक्सलवाद और वित्तीय हिस्सेदारी पर अहम चर्चा

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#रांची #Eastern_Zonal_Council : राज्य-केंद्र संबंधों के समाधान और अंतर-राज्यीय सहयोग को मजबूत करने रांची में दो दिवसीय बैठक — अमित शाह करेंगे अध्यक्षता, नक्सलवाद, परिसंपत्ति बंटवारा और वित्तीय मुद्दे होंगे केंद्र में
  • 9–10 जुलाई को रांची में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक आयोजित
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद करेंगे बैठक की अध्यक्षता
  • बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा से 68 से अधिक प्रतिनिधियों की होगी भागीदारी
  • नक्सलवाद, सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा और केंद्र-राज्य वित्तीय मसलों पर होगी चर्चा
  • झारखंड उठाएगा 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया भुगतान और GST हिस्सेदारी का मुद्दा

पूर्वी भारत के लिए अहम मंच

9 और 10 जुलाई 2025 को झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित हो रही 27वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (EZC) की बैठक राजनीतिक, सुरक्षा और वित्तीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस दो दिवसीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अध्यक्षता करेंगे और चार राज्यों — झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के शीर्ष स्तर के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

68 से अधिक प्रतिनिधियों की होगी मौजूदगी

बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, गृह सचिव, मुख्य सचिव, डीजीपी, वित्त मंत्री जैसे वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे। हालांकि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में राज्य की ओर से वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मुख्य सचिव और डीजीपी प्रतिनिधित्व करेंगे। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व मंत्री विजय चौधरी शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भागीदारी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

इन ज्वलंत मुद्दों पर होगी चर्चा

बैठक में नक्सलवाद से निपटने की रणनीति, अंतर-राज्यीय सहयोग, सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा, परिवहन, जल बंटवारा, शिक्षा, स्वास्थ्य, औद्योगिक निवेश, वन एवं पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा होगी। विशेष रूप से बिहार और झारखंड के बीच लंबित परिसंपत्ति वितरण, और केंद्र से मिलने वाली वित्तीय हिस्सेदारी के विषय पर गहन वार्ता संभावित है।

झारखंड रखेगा ये मांगें

झारखंड की ओर से बैठक में 1.36 लाख करोड़ रुपये के केंद्र से बकाया भुगतान, GST हिस्सेदारी, केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी का समय पर भुगतान, और धन की निर्बाध आपूर्ति जैसे मुद्दे मजबूती से उठाए जाने की संभावना है। इसके अलावा राज्य उपचाराधीन विकास परियोजनाओं के लिए त्वरित स्वीकृति और सहायता की भी मांग कर सकता है।

पहले से हुई तैयारी

बैठक को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पहले ही रांची का दौरा कर तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। सुरक्षा प्रबंधन से लेकर बैठकों के स्थान पर व्यवस्थाएं, सबकुछ उच्च स्तरीय निगरानी में किया गया है।

न्यूज़ देखो: क्षेत्रीय विकास और पारदर्शी केंद्र-राज्य संवाद की दिशा में कदम

रांची में हो रही यह बैठक पूर्वी भारत के समन्वित विकास, सुरक्षा और वित्तीय साझेदारी को नया आयाम दे सकती है। न्यूज़ देखो इस ऐतिहासिक बैठक पर नजर बनाए हुए है और आशा करता है कि राज्यों के आपसी मतभेदों और केंद्र-राज्य समन्वय की चुनौतियों का समाधान निकलेगा
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बेहतर भारत के लिए समन्वय जरूरी

पूर्वी भारत के विकास के लिए सहयोग, संवाद और पारदर्शिता ही रास्ता है। इस तरह की क्षेत्रीय बैठकें न केवल निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूती देती हैं, बल्कि आम जनता तक योजनाओं के प्रभाव को बढ़ाने का जरिया भी बनती हैं।
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