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रांची में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक सम्पन्न, अमित शाह की अध्यक्षता में चार राज्यों के विकास और समन्वय पर मंथन

#रांची #पूर्वीक्षेत्रीयपरिषद_बैठक : रेडिसन ब्लू होटल में आयोजित हुई उच्चस्तरीय बैठक — चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में उठे विकास, सुरक्षा और समन्वय के मुद्दे

क्षेत्रीय विकास और आपसी समन्वय के लिए अहम संवाद

आज 10 जुलाई को रांची स्थित होटल रेडिसन ब्लू में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के उच्चस्तरीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। कुल 199 प्रतिनिधियों की मौजूदगी में यह बैठक क्षेत्रीय सहयोग, सुरक्षा, आर्थिक विकास और केंद्र-राज्य समन्वय को लेकर काफी अहम मानी जा रही है।

झारखंड सरकार की प्रभावशाली भागीदारी

झारखंड की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और मंत्री दीपक बिरुवा ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, ओडिशा के मंत्री मुकेश महालिंग, और पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य से शिष्टाचार भेंट भी की।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा: “क्षेत्रीय परिषद राज्य और केंद्र के बीच संवाद और सहयोग का सशक्त मंच है, जिससे जनता तक योजनाओं का लाभ तेजी से पहुंचे।”

सुरक्षा, विकास और नीतिगत फैसलों पर गहन चर्चा

बैठक में आंतरिक सुरक्षा, आर्थिक-सामाजिक योजनाओं की प्रगति, बॉर्डर मैनेजमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा, सांस्कृतिक समन्वय, और जनजातीय क्षेत्रों के विकास जैसे मुद्दों पर व्यापक विमर्श किया गया। चारों राज्यों के मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल रहे और अपने-अपने क्षेत्रों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।

अमित शाह ने दिया केंद्र-राज्य समन्वय को मजबूत करने का संदेश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के प्रतिनिधियों को साझा विकास की भावना से काम करने का आह्वान किया और कहा कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों से ही नीतिगत गतिरोध दूर होते हैं और समावेशी विकास को गति मिलती है

न्यूज़ देखो: सहयोग की शक्ति से समृद्ध पूर्वी भारत की ओर

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक यह साबित करती है कि जब राज्य और केंद्र मिलकर विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हैं, तो प्रशासनिक गतिशीलता और जन-कल्याण दोनों सुनिश्चित होते हैं। ऐसी बैठकों का महत्व केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि नीतिगत स्पष्टता और जनहित की दिशा में ठोस पहल है।
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भागीदारी और संवाद से ही बनेगा नया भारत

विकास का रास्ता संवाद, सहयोग और सहभागिता से होकर जाता है। ऐसे आयोजनों को जन-जन तक पहुंचाना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। इस समाचार को साझा करें और अपने विचार व्यक्त करें — क्योंकि जागरूक नागरिक ही राष्ट्र निर्माण का आधार हैं।

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