
#बिहार – बहुचर्चित अलकतरा घोटाले में CBI कोर्ट का फैसला:
- बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत 5 आरोपियों को 3-3 साल की सजा।
- सभी दोषियों पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
- 7 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने किया बरी।
- सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 साल बाद सुनाया ऐतिहासिक फैसला।
- 1994 में 27.70 लाख रुपये की अलकतरा सप्लाई में हुआ था बड़ा घोटाला।
28 साल बाद आया CBI कोर्ट का फैसला
बिहार के बहुचर्चित अलकतरा घोटाले में आखिरकार 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया। इस मामले में बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत 5 लोगों को दोषी करार देते हुए 3-3 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही, सभी दोषियों पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
ये आरोपी पाए गए दोषी, 7 हुए बरी
सजा पाने वालों में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन के अलावा शहाबुद्दीन, पवन कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार अग्रवाल और विनय कुमार सिन्हा शामिल हैं। वहीं, साक्ष्य के अभाव में 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया।
बरी होने वालों में जी. रामनाथ, एसपी माथुर, तरुण गांगुली, रंजन प्रधान, सुबह सिन्हा और एमसी अग्रवाल शामिल हैं।
क्या था अलकतरा घोटाला?
यह घोटाला वर्ष 1994 में हुआ था, जिसमें 27.70 लाख रुपये की गड़बड़ी की गई थी। दरअसल, 510 मीट्रिक टन अलकतरा की सप्लाई RCD हजारीबाग को की जानी थी, लेकिन यह सप्लाई कभी नहीं हुई।
इसके बावजूद, दस्तावेजों में सप्लाई पूरी दिखाकर फर्जी भुगतान कर दिया गया था। इस घोटाले में पवन करियर नामक कंपनी का इस्तेमाल कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे।
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28 साल पुराने अलकतरा घोटाले पर आए इस फैसले को न्यायिक व्यवस्था की अहम उपलब्धि माना जा रहा है। घोटाले के अन्य मामलों पर भी अब कानूनी शिकंजा कसने की उम्मीद है। ‘न्यूज़ देखो’ से जुड़े रहिए, क्योंकि हर खबर पर रहेगी हमारी नजर!
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