
#रांची #सड़कसुरक्षा : तमाम प्रयासों के बावजूद हादसों में कमी नहीं, 39 ने गंवाई जान
- जुलाई 2025 में झारखंड में 280 लोगों की मौत सड़क हादसों में।
- रांची जिला सबसे ज्यादा प्रभावित, 39 लोगों की मौत।
- हजारीबाग 28, सरायकेला 26, दुमका 21, गिरिडीह 19 मौतें।
- आईजी अभियान डॉ. माइकल राज एस ने दी जानकारी।
- पुलिस कार्रवाई के बावजूद तेज रफ्तार, नशे और नियम तोड़ने से हादसे जारी।
जुलाई-2025 में झारखंड में सड़क सुरक्षा को लेकर किए जा रहे प्रयासों के बावजूद सड़क हादसों ने बड़ी संख्या में लोगों की जान ली। पूरे राज्य में 280 लोगों की मौत दर्ज की गई, जिनमें सबसे ज्यादा 39 मौतें राजधानी रांची में हुईं। इन आंकड़ों ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन और लापरवाही पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले
आईजी अभियान डॉ. माइकल राज एस ने शुक्रवार को जानकारी दी कि जुलाई माह में राज्य में सड़क हादसों की वजह से 280 लोग अपनी जान गंवा बैठे। इसमें रांची जिले में सर्वाधिक 39 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा हजारीबाग में 28, सरायकेला में 26, दुमका में 21 और गिरिडीह में 19 लोगों ने अपनी जान गंवाई। ये आंकड़े बताते हैं कि केवल बड़े शहर ही नहीं, बल्कि छोटे जिले भी सड़क सुरक्षा के मामले में गंभीर चुनौती झेल रहे हैं।
हादसों की वजह
पुलिस लगातार सड़क सुरक्षा को लेकर अभियान चला रही है। बिना हेलमेट गाड़ी चलाने, बिना ड्राइविंग लाइसेंस, तेज रफ्तार, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने और नशे में वाहन चलाने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद भी लोग लापरवाह बने हुए हैं, और इसका खामियाजा न सिर्फ उन्हें बल्कि अन्य निर्दोष लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है।
प्रशासन की चुनौती
राज्य में हर महीने सैकड़ों लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। यह न केवल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है। सड़क सुरक्षा को लेकर जनजागरूकता बढ़ाना, इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करना और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाना अब अत्यंत जरूरी हो गया है।
न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा सिर्फ नियम नहीं, जीवन की जिम्मेदारी
280 मौतें इस बात की गवाही देती हैं कि सड़क पर लापरवाही का नतीजा कितना खतरनाक हो सकता है। केवल पुलिस कार्रवाई ही काफी नहीं, बल्कि हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित सड़कें ही सुरक्षित समाज की पहचान
अब समय है कि हम सभी मिलकर सड़क सुरक्षा को एक सामूहिक जिम्मेदारी मानें। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें, ट्रैफिक नियमों का पालन करें और दूसरों की जान को खतरे में न डालें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।