#सिमडेगा #दुर्घटनाघटना : कपड़ा उठाने के दौरान फिसलकर कुएं में गिरे युवक की मौत, ग्रामीणों और प्रशासन ने मिलकर निकाला शव
- कोलेबिरा साप्ताहिक बाजार के पास हुई दुखद घटना।
- 35 वर्षीय शशिकांत बागे, पिता जोरोंग जिदन बागे की हुई मौत।
- घर में कपड़ा उठाने के दौरान कुएं में फिसलकर गिरे।
- प्रखंड प्रमुख दुतामी हेमरोम और समाजसेवी विनोद कुमार उर्फ डब्लू मौके पर पहुंचे।
- ग्रामीणों ने झांगर की मदद से शव बाहर निकाला, पुलिस ने जांच शुरू की।
सिमडेगा जिला अंतर्गत कोलेबिरा थाना क्षेत्र के पुराने साप्ताहिक बाजार के पास गुरुवार की शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ। 35 वर्षीय शशिकांत बागे, पिता जोरोंग जिदन बागे, की निजी कुएं में डूबने से मौत हो गई। घटना उस समय घटी जब शशिकांत अपने घर में सुखाए हुए कपड़े समेट रहे थे। इसी दौरान वे अचानक फिसलकर घर के ही बने कुएं में गिर पड़े और पानी में डूब गए।
परिजनों ने दी सूचना
जब देर तक शशिकांत घर में नहीं दिखे तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। घर के बाहर उनका चप्पल और कपड़ा देखकर परिजन चिंतित हुए और तुरंत इसकी जानकारी प्रखंड प्रमुख दुतामी हेमरोम को दी। सूचना मिलते ही प्रखंड प्रमुख अपने सहयोगी और समाजसेवी विनोद कुमार उर्फ डब्लू के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।
ग्रामीणों ने दिखाई सक्रियता
ग्रामीणों को जानकारी दिए जाने पर तुरंत मदद के लिए लोग जुट गए। सभी ने मिलकर कुएं में खोजबीन शुरू की। अंततः झांगर की मदद से शव को बाहर निकाला गया। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई और लोग गहरी संवेदना व्यक्त करते दिखे।
पुलिस जांच में जुटी
सूचना पाकर कोलेबिरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने कहा कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई नियम अनुसार की जाएगी।
न्यूज़ देखो: सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत
यह हादसा एक गंभीर सवाल खड़ा करता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने खुले कुएं आज भी कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसे हादसों को रोकने के लिए कुओं को सुरक्षित ढंग से ढकना और चारों ओर मजबूत घेराबंदी करना बेहद जरूरी है। प्रशासन और ग्रामीणों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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सावधानी ही सुरक्षा है
शशिकांत बागे की असमय मौत ने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया है। यह हम सभी के लिए चेतावनी है कि घरेलू और सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी न की जाए। अब समय है कि हम कुएं और तालाब जैसे स्थानों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दें और समाज को जागरूक करें। आप भी अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करके लोगों तक संदेश पहुंचाएं कि छोटी-सी सावधानी बड़ी त्रासदी से बचा सकती है।