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3700 जिंदा कारतूस जब्त, कैमूर में STF-पुलिस की संयुक्त कार्रवाई — बिहार में गैंगवार और तस्करी नेटवर्क की बड़ी साजिश बेनकाब

#कैमूरSTFकार्रवाई #3700कारतूस #बिहारहथियारतस्करी : यूपी से आ रही थी भारी हथियार खेप, STF की गुप्त सूचना पर मोहनिया में पकड़ी गई ब्रेजा कार

कैमूर पुलिस और STF की बड़ी कार्रवाई, मोहनिया चेक पोस्ट बना तहकीकात का केंद्र

कैमूर/पटना: बिहार में एक बार फिर अवैध हथियार तस्करी का बड़ा नेटवर्क सामने आया है। कैमूर पुलिस और STF की संयुक्त कार्रवाई में मोहनिया चेक पोस्ट से 3700 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। इस मामले में दो हथियार तस्कर गिरफ्तार हुए हैं। यह कारतूस उत्तर प्रदेश के कानपुर से नालंदा सप्लाई किए जा रहे थे।

STF को गुप्त सूचना मिली थी कि बनारस के रास्ते भारी मात्रा में कारतूस बिहार आ रहा है। सूचना पर पटना से एक विशेष टीम ने मोहनिया पहुंचकर स्थानीय पुलिस के सहयोग से चेकिंग अभियान शुरू किया। एक सफेद रंग की ब्रेजा कार की तलाशी में डिक्की में छुपाकर रखे गए 3700 कारतूस मिले।

.315 बोर के कारतूस प्रमुख, नालंदा में भी बरामदगी

गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि कारतूसों की बड़ी खेप को पटना और नालंदा ले जाया जा रहा था। बरामद ज्यादातर कारतूस .315 बोर के हैं, जो देशी बंदूक में इस्तेमाल होते हैं। कुछ कारतूस पिस्टल के भी हैं।

पूरे दिन आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने नालंदा में छापेमारी की जहां से और भी कारतूस बरामद किए गए हैं। सुरक्षा और गोपनीयता के चलते छापेमारी के स्थान को फिलहाल उजागर नहीं किया गया है।

“इस रैकेट में कौन-कौन लोग जुड़े हैं, इसकी तह तक जाने के लिए आरोपी को रिमांड पर लिया जाएगा। यह तस्करी किसी बड़े आपराधिक गिरोह से जुड़ी हो सकती है।”
एसपी, कैमूर हरि मोहन शुक्ला

बिहार में चुनावी हाई अलर्ट पर है पुलिस, गिरोह के पीछे जुटी टीमें

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस पहले से ही हाई अलर्ट पर है। इस बड़ी बरामदगी से राज्य में सक्रिय किसी बड़े हथियार गिरोह या गैंगवार की साजिश सामने आ सकती है। ADG कुंदन कृष्णन ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है, हालांकि अभी विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई है।

पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि –

न्यूज़ देखो: हथियारों की तस्करी पर पैनी नज़र

न्यूज़ देखो आपको दिखाता है सच्चाई की वो तस्वीर, जो छुपाई जाती है।
3700 जिंदा कारतूस की बरामदगी केवल एक मामला नहीं, बल्कि बिहार के अंदरुनी सुरक्षा तंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

लोकतंत्र से पहले सुरक्षा जरूरी

आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अवैध हथियारों की तस्करी कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है।
पुलिस और STF की मुस्तैदी ने एक बड़ी साजिश को समय रहते रोक दिया, लेकिन इससे जुड़े गिरोहों का सफाया और नेटवर्क को तोड़ना अब जरूरी हो गया है।

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