
#सऊदीअरब #उमराहादसा : मक्का से मदीना जा रही बस टैंकर से टकराई, 42 भारतीयों की दर्दनाक मौत—झारखंड के जेएमएम नेता फिरोज़ अली ने शोक जताया
- मदीना के पास उमरा यात्रियों से भरी बस भीषण सड़क हादसे का शिकार।
- हादसे में 42 भारतीयों की मौत की आशंका, बस में कुल 43 यात्री सवार थे।
- बस की डीजल टैंकर से टक्कर के बाद आग लगी, सिर्फ एक यात्री जीवित बचा।
- यात्रियों में 20 महिलाएं और 11 बच्चे भी शामिल बताए जा रहे हैं।
- सऊदी में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने हेल्पलाइन 80024400031 जारी की।
- जेएमएम केंद्रीय समिति सदस्य फिरोज़ अली ने गहरा शोक प्रकट किया।
सोमवार देर रात सऊदी अरब के मदीना के पास हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे भारत को स्तब्ध कर दिया। उमरा करने गए भारतीय श्रद्धालुओं को लेकर मक्का से मदीना जा रही बस एक डीजल टैंकर से टकरा गई, जिसके बाद बस में आग लग गई। इस हादसे में 42 भारतीयों की मौत की आशंका जताई गई है, जबकि केवल एक यात्री ही जीवित बच पाया है, जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार सभी यात्री हैदराबाद के रहने वाले थे और वे उमरा की रस्में पूरी करने के बाद मदीना जा रहे थे। हादसा भारतीय समय के अनुसार रात करीब 1:30 बजे मुफरीहाट इलाके में हुआ।
हादसे की भीषणता और प्रारंभिक जानकारी
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय प्रशासन के अनुसार टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस के परखच्चे उड़ गए और देखते ही देखते आग फैल गई। बस में सवार 43 यात्रियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। बताया जाता है कि 20 महिलाएं और 11 बच्चे भी इस हादसे का शिकार हुए। यह उन परिवारों के लिए बेहद दर्दनाक क्षण है जो अपने परिजनों के उमरा से लौटने की खुशियों का इंतजार कर रहे थे।
भारतीय दूतावास की त्वरित प्रतिक्रिया
सऊदी अरब स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने तत्काल सहायता के लिए 24 घंटे संचालित नियंत्रण कक्ष स्थापित किया और हेल्पलाइन नंबर 80024400031 जारी किया है। दूतावास ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है तथा स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा है, ताकि मृतकों की पहचान, प्रक्रियाओं और अंतिम व्यवस्थाओं में तेजी लाई जा सके।
उमरा यात्रियों में फैला शोक और पीड़ा
हादसे की खबर भारत पहुंचते ही परिवारों में कोहराम मच गया। कई परिवार रातभर संपर्क स्थापित करने की कोशिश करते रहे, लेकिन हादसे की भीषणता ने उम्मीदों के रास्ते बंद कर दिए। यह घटना उन हजारों भारतीय परिवारों को झकझोर देने वाली है जो हर वर्ष उमरा और हज के लिए सऊदी अरब की यात्रा करते हैं।
जेएमएम केंद्रीय समिति सदस्य फिरोज़ अली का भावुक शोक संदेश
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य फिरोज़ अली ने इस हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा:
फिरोज़ अली ने कहा: “उमराह के दौरान 42 जायरीन की मौत की खबर निहायत अफसोस और रंजो-ग़म का है। खबर सुनकर काफी सदमा लगा, आँसू रोक नहीं पाया। लेकिन यह मेरे रब का फैसला है—इन लम्हों में दुआ ही सबसे बड़ा सहारा है। अल्लाह से दुआ है कि तेरे दर पर गए इन बयालीस जायरीनों की रूहों को जन्नतुल फिरदौस में जगह दे, उनकी कब्रों को रोशन कर दे और उनके गुनाहों को ऐसे साफ कर दे जैसे बारिश बादल को साफ कर देती है।”
फिरोज़ अली के इस भावुक संदेश ने पूरे समुदाय के दर्द को शब्द दिए हैं और यह हादसा धार्मिक यात्राओं के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल भी खड़ा करता है।
पीड़ित परिवारों तक जानकारी पहुंचाना—एक चुनौती
भारत और सऊदी अरब में आधिकारिक टीम लगातार संपर्क में है, ताकि मृतकों की पहचान और संबंधित परिवारों को सूचना देने की प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जा सके। जीवित बचे एकमात्र यात्री का इलाज सऊदी के अस्पताल में चल रहा है और उसकी स्थिति पर चिकित्सा दल लगातार नजर रखे हुए है।
धार्मिक समुदायों में शोक की लहर
उमराह से लौटने की पवित्र यात्रा में इस तरह की त्रासदी ने मुस्लिम समुदाय में गहरी शोक लहर ला दी है। देशभर के धार्मिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक नेताओं ने मृतकों के लिए दुआ और शोक प्रकट किया है।
न्यूज़ देखो: हादसा धार्मिक यात्राओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक यात्राओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है। क्या यात्रियों की बसों और टैंकरों की नियमित जांच हो रही थी? क्या मार्ग पर सुरक्षा प्रबंधन पर्याप्त था? ऐसे हादसे भविष्य में न हों, इसके लिए भारत और सऊदी अरब दोनों सरकारों को संयुक्त रूप से सुरक्षा प्रोटोकॉल का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
दुख की इस घड़ी में दुआओं और एकता की ज़रूरत
इन परिवारों पर जो पहाड़ टूटा है, उसे हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते। ऐसे कठिन समय में हम सभी की ज़िम्मेदारी है कि शोकाकुल परिवारों को हिम्मत दें और उनकी मदद के लिए आगे आएँ।
दुआ करें कि अल्लाह इन सभी रूहों को जन्नत में जगह दे और उनके परिवारों को सब्र अता करे। अपनी संवेदनाएँ कमेंट में लिखें और इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि पीड़ित परिवारों को मदद और समर्थन मिल सके।





