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सिमडेगा में शंख नदी में 6 वर्षीय बच्चा बहा: परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे कांग्रेस नेताओं का दल

#सिमडेगा #दुर्घटना : शंख नदी के छठ घाट पर घूमने आए परिवार का मासूम बच्चा तेज बहाव में बहा, विधायक प्रतिनिधि पहुंचे परिजनों से मिले

सिमडेगा जिले से दुखद खबर आई है जहां शंख नदी के छठ घाट पर परिवार संग घूमने आया एक छह वर्षीय मासूम बच्चा अचानक तेज जल प्रवाह में बह गया। हादसे के बाद परिवार और आसपास के लोग स्तब्ध रह गए। सूचना फैलते ही क्षेत्र में शोक का माहौल छा गया।

घटना की जानकारी और कांग्रेस नेताओं की सक्रियता

सूचना मिलते ही विधायक भूषण बाड़ा के निर्देश पर उनके प्रतिनिधि संतोष कुमार सिंह सक्रिय हुए। उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ता संगीता कुमारी ने इस घटना की जानकारी दी थी। संतोष सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे और बच्चे के परिजनों से मुलाकात की।

उनके साथ ओबीसी जिलाध्यक्ष शिव केशरी, युवा जिलाध्यक्ष चंदन कुमार सिंह और नगर अध्यक्ष अरशद हुसैन भी मौजूद रहे। सभी नेताओं ने परिजनों को ढांढस बंधाया और भरोसा दिलाया कि हर संभव मदद उनके साथ की जाएगी।

विधायक प्रतिनिधि संतोष कुमार सिंह ने कहा: “इस कठिन घड़ी में परिवार अकेला नहीं है। हम पूरी तरह से उनके साथ खड़े हैं और हरसंभव सहयोग देंगे।”

प्रशासनिक पहल और स्थानीय चिंताएं

घटना के बाद स्थानीय लोगों में नदी किनारे सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर चिंता बढ़ी है। लोगों का कहना है कि शंख नदी के घाट पर छठ और अन्य धार्मिक अवसरों पर भारी भीड़ होती है, ऐसे में सुरक्षा इंतजाम और बचाव दल की तैनाती जरूरी है।

स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द नदी किनारों पर चेतावनी बोर्ड, लाइफगार्ड और बचाव उपकरण उपलब्ध कराए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके।

न्यूज़ देखो: सुरक्षा इंतजाम की कमी उजागर

यह हादसा बताता है कि प्राकृतिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्थाओं की कितनी अहम जरूरत है। धार्मिक और सामाजिक अवसरों पर प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए और समय रहते बचाव इंतजाम करने चाहिए। जनप्रतिनिधियों का तत्पर रहना सकारात्मक है, लेकिन स्थायी समाधान जरूरी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जिम्मेदारी और सजगता ही बचाव का उपाय

नदी किनारे और सार्वजनिक स्थलों पर हमारी एक छोटी सी लापरवाही बड़ा हादसा बना सकती है। प्रशासन और समाज को मिलकर सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करना होगा। अब वक्त है कि हम सब इस जिम्मेदारी को समझें—अपने सुझाव कमेंट करें, खबर साझा करें और जागरूकता फैलाएं ताकि भविष्य में किसी परिवार को इस तरह की पीड़ा न सहनी पड़े।

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