- पौष पूर्णिमा पर बासुकिनाथ मंदिर में 65 हजार भक्तों ने की पूजा।
- पवित्र शिवगंगा में भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी।
- वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ की गई षोडशोपचार विधि से पूजा।
- पूर्णिमा पर दान और स्नान से अर्जित किया पुण्य।
- मकर संक्रांति पर बाबा फौजदारीनाथ को तिल-गुड़ का भोग अर्पित किया जाएगा।
पौष पूर्णिमा पर भक्तों की भारी भीड़
बासुकिनाथ में सोमवार को पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से जलार्पण का सिलसिला शुरू हुआ, जो शाम तक जारी रहा। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, 65 हजार श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ पर जल चढ़ाकर सुख-समृद्धि की कामना की।
पवित्र शिवगंगा में आस्था की डुबकी
भीषण ठंड के बावजूद भक्तों ने पवित्र शिवगंगा में डुबकी लगाई और बाबा फौजदारीनाथ की पूजा-अर्चना की। पूर्णिमा के दिन वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंडितों ने षोडशोपचार विधि से पूजा कराई। भक्तों ने स्पर्श पूजा कर भोलेनाथ से आशीर्वाद मांगा।
दान-स्नान से पुण्य प्राप्ति
सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस अवसर पर भक्तों ने नदी और तालाबों में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। ब्राह्मणों को दान देकर मोक्ष की कामना की। पंडितों ने बताया कि पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ का भोग
मंगलवार को मकर संक्रांति के दिन बाबा फौजदारीनाथ को तिल-गुड़ का भोग अर्पित किया जाएगा। इस अवसर पर भक्त स्नान-दान कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। पुजारी ने बताया कि मकर संक्रांति से सूर्य देव का रथ उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है, जिससे सर्दी कम होने लगती है।
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