
#गिरिडीह #पुलिसड्यूटीमीट – तकनीकी दक्षता, अनुसंधान कौशल और अनुशासन की मिसाल बनी ड्यूटी मीट, प्रतिभागी पुलिसकर्मियों को किया गया सम्मानित
- गिरिडीह पुलिस केंद्र में 69वीं क्षेत्रीय पुलिस ड्यूटी मीट का समापन समारोह आयोजित
- हजारीबाग जिला को ओवरऑल चैंपियन और गिरिडीह को रनर-अप घोषित किया गया
- पुलिस महानिरीक्षक, उपायुक्त, एसपी और अन्य वरीय अधिकारियों ने किया सम्मानित
- प्रतिभागियों को विधि विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान से जुड़ी अहम जानकारियाँ दी गईं
- पुलिस अनुसंधान में नवाचार व तकनीकी दक्षता पर दिया गया जोर
सम्मान, प्रेरणा और उत्कृष्टता का संगम
11 जुलाई 2025 को गिरिडीह पुलिस केंद्र परिसर में 69वीं क्षेत्रीय पुलिस ड्यूटी मीट (उत्तरी छोटानागपुर) का समापन समारोह भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक (IG), उत्तरी छोटानागपुर प्रक्षेत्र बोकारो, जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त गिरिडीह, पुलिस अधीक्षक गिरिडीह सहित अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहे।
सम्मानित हुए जांबाज़ पुलिसकर्मी
ड्यूटी मीट के दौरान आयोजित विभिन्न पुलिस प्रतिस्पर्धाओं में विजयी और उपविजयी रहे पुलिस पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस बार ओवरऑल चैंपियन का खिताब हजारीबाग जिला को प्राप्त हुआ, जबकि गिरिडीह जिला रनर-अप बना।
अनुसंधान में तकनीक और विधि विज्ञान पर ज़ोर
समापन समारोह में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभागियों को अपराध अनुसंधान में तकनीक, विधि विज्ञान और वैज्ञानिक पद्धतियों के उपयोग की अहमियत बताई गई। फोरेंसिक टूल्स, डिजिटल एविडेंस, और आधुनिक अनुसंधान तकनीकों को केस इन्वेस्टिगेशन में प्रभावी ढंग से लागू करने की अपील की गई।
इस मीट के माध्यम से न केवल पुलिसकर्मियों की दक्षता और अनुशासन को मंच मिला, बल्कि एक-दूसरे से सीखने और नवाचार को अपनाने की प्रेरणा भी मिली।



न्यूज़ देखो: सुरक्षा व्यवस्था में तकनीकी दक्षता की दिशा में बढ़ता कदम
न्यूज़ देखो मानता है कि इस तरह के आयोजनों से पुलिस बल की दक्षता में सुधार होता है और अपराधों की रोकथाम व जांच में क्रांतिकारी परिवर्तन आते हैं। गिरिडीह जैसे जिलों में आयोजित ऐसे समापन समारोह झारखंड पुलिस की कार्यप्रणाली को नई दिशा देते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
तकनीकी और अनुशासन से बदलेंगी पुलिस की तस्वीर
ड्यूटी मीट जैसे आयोजनों से पुलिसकर्मियों को अनुशासन, फिजिकल फिटनेस, और टेक्निकल नॉलेज में परिपक्वता मिलती है। यह कदम झारखंड के नागरिकों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस पहल है।