- सरूवत गांव पहली बार सड़क मार्ग से जुड़ने जा रहा है।
- गढ़वा ग्रामीण कार्य विभाग की टीम ने सड़क निर्माण के लिए सर्वे पूरा किया।
- टेहरी से सरूअत तक 17 किमी लंबी सड़क बनेगी।
- सड़क निर्माण की मंजूरी के बाद निविदा प्रक्रिया शुरू होगी।
- गांव में बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं का अभाव।
आजादी के 75 वर्ष और झारखंड गठन के 24 वर्ष बाद अब पहली बार सरूवत गांव को सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस सड़क के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
सड़क निर्माण के लिए सर्वे पूरा
मंगलवार को ग्रामीण कार्य विभाग, गढ़वा की एक टीम ने सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया। अब डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर विभाग को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद निविदा प्रक्रिया पूरी होते ही टेहरी, गढ़वा की ओर से पहाड़ों के बीच से सरूवत तक सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा।
गांव तक सड़क क्यों नहीं थी?
सरूअत गांव को जोड़ने के लिए पहले बड़गड़ के हेसातु से सड़क बनाने की योजना थी, लेकिन अत्यधिक ऊंचाई के कारण यह मुश्किल साबित हुआ। अब टेहरी से पहाड़ के किनारे-किनारे 16.7 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी, जिससे गढ़वा से गांव जुड़ जाएगा।
बरसात में छत्तीसगढ़ का रास्ता भी बंद हो जाता है
ग्रामीणों के अनुसार, बड़गड़ प्रखंड मुख्यालय तक सड़क मार्ग नहीं होने के कारण उन्हें 3819 फीट ऊंचे पहाड़ पर चढ़कर करीब 15 किमी का पैदल सफर तय करना पड़ता है। छत्तीसगढ़ की ओर से बंदरचुआं तक सड़क बनी हुई है, लेकिन झारखंड सीमा में पक्की सड़क नहीं बन पाई है। बरसात में यह रास्ता फिसलन भरा हो जाता है, जिससे वाहन नहीं चल पाते और लोग सिर्फ पैदल ही सफर कर सकते हैं।
गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
सरूवत गांव समुद्र तल से 3819 फीट ऊंचाई पर स्थित है, जहां 100 घरों में लगभग 800 लोग रहते हैं। सड़क के अलावा बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। सड़क बनने के बाद उम्मीद की जा रही है कि सरकार अन्य मूलभूत सुविधाओं की ओर भी ध्यान देगी।
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