
#लातेहार #नक्सलपुनर्वास – उग्रवाद छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटे युवाओं को मिलेगा जीवन संवारने का अवसर
- जिला स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक का आयोजन हुआ लातेहार में
- उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता और पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव की संयुक्त अध्यक्षता में हुई बैठक
- 9 आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास पैकेज देने की समिति द्वारा अनुशंसा
- परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता और बच्चों की शिक्षा पर जोर
- सुरक्षा, मूलभूत सुविधा और पुनर्वास नीति के तहत की गई गहन समीक्षा
आत्मसमर्पण करने वालों के लिए नए जीवन की शुरुआत
लातेहार जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को आयोजित जिला स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक में उग्रवाद की मुख्यधारा में लौट रहे युवाओं को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक की संयुक्त अध्यक्षता उपायुक्त श्री उत्कर्ष गुप्ता और पुलिस अधीक्षक श्री कुमार गौरव ने की। चर्चा का मुख्य केंद्र पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को दी जाने वाली विभिन्न सरकारी सुविधाएं और सहायता रहीं।
नौ पूर्व नक्सलियों को मिलेगा पुनर्वास पैकेज
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 09 आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को पुनर्वास पैकेज दिया जाएगा। इसके अंतर्गत आवास, रोजगार, सुरक्षा और वित्तीय सहायता जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है। इन व्यक्तियों के परिवारों को भी सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की विशेष व्यवस्था
समिति द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया कि पूर्व उग्रवादियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और उनके परिवारों को दैनिक जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं जैसे कि राशन, स्वास्थ्य सेवा और आवास आदि उपलब्ध कराए जाएं। सभी संबंधित विभागों को क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई और विभागीय अधिकारियों ने प्रगति की समीक्षा रिपोर्ट भी साझा की।
पुनर्वास नीति के तहत प्रशासन की संवेदनशील पहल
इस बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी लातेहार अजय कुमार रजक, महुआडांड़ के एसडीओ बिपिन कुमार दुबे, मंडल कारा अधीक्षक, सामान्य शाखा के प्रभारी पदाधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। सभी ने पुनर्वास नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अपना सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई।
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न्यूज़ देखो आपके लिए लाता है समाज को जोड़ने वाले हर फैसले और सरकारी प्रयास की सटीक जानकारी। नक्सलवाद से मुख्यधारा की ओर लौटने वालों के जीवन परिवर्तन की ये कहानियाँ दर्शाती हैं कि बदलाव मुमकिन है — जब साथ हो शासन और समाज का। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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