#गढ़वा #सोशलवर्क : भूखे पेटों को भोजन और समाज को नई दिशा देने का प्रयास
- सोशल वर्कर संस्था गढ़वा ने 92वां FOOD FOR HUNGER भंडारा आयोजित किया।
- कार्यक्रम का सौजन्य ज्योति प्रकाश केशरी और विभा प्रकाश केशरी ने दिया।
- युवाओं के चेहरे पर थकान नहीं, उम्मीद झलक रही थी।
- भंडारा के साथ समाज सेवा और सकारात्मक सोच का संदेश भी दिया गया।
- गढ़वा की सेवा मुहिम में व्यवसायी और समाजसेवी भी मजबूती से जुड़ रहे हैं।
गढ़वा में मंगलवार को सेवा और समर्पण की मिसाल देखने को मिली। सोशल वर्कर संस्था गढ़वा द्वारा आयोजित FOOD FOR HUNGER अभियान के तहत लगातार 92वें सप्ताह भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्था के सभी सदस्य मौजूद रहे, वहीं जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी और व्यवसायी ज्योति प्रकाश केशरी तथा श्रीमती विभा प्रकाश केशरी (भावी अध्यक्ष प्रत्याशी, नगर परिषद गढ़वा) के सौजन्य से यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।
सेवा की राह पर युवा कदम
यह मुहिम साबित कर रही है कि जब सेवा और समर्पण साथ चलते हैं तो उसका असर सिर्फ एक मोहल्ले या गांव तक नहीं रहता, बल्कि पूरे जिले को छूता है। गढ़वा के युवा आज यह दिखा रहे हैं कि बदलाव किसी सपना नहीं, बल्कि सच्चाई बन सकता है।
युवाओं के चेहरों पर थकान नहीं, बल्कि उम्मीद की चमक थी। उनके हाथों में कोई लालच नहीं, बल्कि समाज को बदलने का संकल्प था। यही कारण है कि गढ़वा की यह पहल अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुकी है।
समाज को जोड़ने की अपील
युवाओं ने कहा कि आज समय है कि हर नागरिक आगे आए। अकेला इंसान बदलाव नहीं ला सकता, लेकिन जब हजारों हाथ और हजारों दिल एक साथ जुड़ते हैं तो समाज में क्रांति की लहर उठती है। इसी सोच के साथ संस्था ने लोगों से सहयोग की अपील की।
संघर्ष की मिट्टी से नई पहचान
गढ़वा की धरती हमेशा से संघर्ष और सहनशीलता की गवाह रही है। यहां की मेहनतकश जनता अवसरों की कमी से कई बार पीछे छूट गई, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। नई सोच, नई ऊर्जा और सेवा का नया जज़्बा गढ़वा को नई पहचान दे रहा है।
व्यवसायियों का योगदान
इसी कड़ी में समाजसेवी और व्यवसायी ज्योति प्रकाश केशरी भी इस मुहिम से जुड़े। उन्होंने कहा—
ज्योति प्रकाश: “व्यापार केवल मुनाफे तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि समाज के हित में भी उसकी भूमिका होनी चाहिए। गढ़वा का भविष्य हम सब मिलकर गढ़ेंगे।”
उनकी भागीदारी ने यह संदेश दिया कि बदलाव केवल नेताओं या अधिकारियों से नहीं, बल्कि आम जनता और व्यवसायियों के सामूहिक प्रयास से भी संभव है।
बदलाव का समय
आज जरूरत है कि हम सब यह सोचें—क्या हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं? क्या हम समाज के उस हिस्से की मदद कर रहे हैं जो पीछे छूट गया है? अगर जवाब नहीं है, तो यह समय है बदलने का।
गढ़वा की युवा पीढ़ी रास्ता दिखा रही है। व्यवसायी और समाजसेवी हाथ मिलाकर इसे मजबूत कर रहे हैं। अब जिम्मेदारी हम सबकी है कि हम भी इस कारवां का हिस्सा बनें।



न्यूज़ देखो: गढ़वा में सेवा की लहर, बदलाव की दस्तक
92 सप्ताह से लगातार चल रहा यह अभियान दिखाता है कि समाज का भविष्य किसी एक के हाथ में नहीं, बल्कि सभी के सामूहिक प्रयास में है। यही साझी जिम्मेदारी गढ़वा को नई ऊंचाई दे रही है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आओ गढ़वा का भविष्य मिलकर गढ़ें
सेवा की इस कड़ी में हर नागरिक का सहयोग जरूरी है। अब समय है कि हम सब इस बदलाव का हिस्सा बनें। अपनी राय साझा करें और इस खबर को दोस्तों तक पहुँचाएँ, ताकि गढ़वा की सकारात्मक पहल पूरे समाज में प्रेरणा बने।