
#गिरिडीह #कठवारा_कांड – गरीब मां के इकलौते बेटे की मौत से गांव में पसरा मातम, हत्या के आरोपी की ग्रामीणों ने की पिटाई
- कठवारा गांव में गुरुवार की रात हुई मारपीट की घटना ने लिया मौत का रूप
- 14 वर्षीय धोनी रजवार की इलाज के अभाव में हुई मौत
- ग्रामीणों ने आरोपी मिथिलेश तिवारी को पकड़ कर की जमकर पिटाई
- पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जांच शुरू की
- परिवार को मिली प्रारंभिक आर्थिक सहायता, गांव में तनाव के बीच तैनात हुआ अतिरिक्त बल
गुरुवार की मारपीट बनी शनिवार को हत्या – गांव में आक्रोश का माहौल
गिरिडीह जिले के डुमरी थाना अंतर्गत कठवारा गांव में गुरुवार की रात हुई मारपीट की घटना ने शनिवार को दुखद मोड़ ले लिया, जब 14 वर्षीय धोनी रजवार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। धोनी, मृतक लखन रजवार का इकलौता बेटा था, और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय थी। धोनी की मां दूसरों के घरों में काम कर किसी तरह घर चलाती थीं।
गुरुवार को किसी विवाद को लेकर गांव के मिथिलेश तिवारी (32 वर्ष) ने धोनी रजवार के साथ बेरहमी से मारपीट की थी। गंभीर रूप से घायल धोनी को परिजन इलाज के लिए दो दिनों तक पैसों की जुगाड़ में लगे रहे, लेकिन शनिवार सुबह उसकी मौत हो गई।
आरोपी की ग्रामीणों ने की जमकर पिटाई
धोनी की मौत की खबर फैलते ही गांव में गहरा शोक और गुस्सा छा गया। शनिवार सुबह मिथिलेश तिवारी को एक ऑटो से भागते हुए ग्रामीणों ने पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
“मेरा इकलौता बेटा था… अब कोई सहारा नहीं बचा।”
— धोनी रजवार की मां
पुलिस ने दर्ज किया मामला, गांव में तनाव
स्थानीय पुलिस ने बताया कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और पूरे मामले की जांच प्रारंभ कर दी गई है। धोनी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। फिलहाल गांव में तनाव का माहौल है, जिसे देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को न्याय और आर्थिक सहायता देने की मांग की है। प्रशासन ने तत्काल कुछ सहायता राशि प्रदान की है, और आश्वासन दिया है कि दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
न्यूज़ देखो : न्याय के इंतजार में एक मां की पुकार
न्यूज़ देखो की टीम इस हृदयविदारक घटना को बेहद गंभीरता से उठाती है। एक गरीब मां का इकलौता बेटा, जिसे न्याय की दरकार है – यह घटना समाज और व्यवस्था दोनों के लिए सवाल है। हमारी निगाहें अब इस मामले में होने वाली हर कार्रवाई पर रहेंगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
धोनी की मौत सिर्फ एक मासूम की जिंदगी का अंत नहीं, बल्कि एक गरीब परिवार की उम्मीदों का उजड़ जाना है। समाज की जिम्मेदारी है कि वो ऐसे परिवारों के साथ खड़ा हो और अपराधियों को सजा दिलाने में अपनी भूमिका निभाए।