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राजधानी एक्सप्रेस में 79 वर्षीय यात्री को आया पैरालिसिस अटैक, रेलवे और आरपीएफ की तत्परता से बची जान

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#कोडरमा #यात्री_आपातकाल – चलती ट्रेन में बिगड़ी बुजुर्ग यात्री की तबीयत, रेलवे स्टाफ की फुर्ती और आरपीएफ की मानवीय पहल ने बचाई जान

  • सियालदह-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में सफर कर रहे बुजुर्ग यात्री को रास्ते में आया पैरालिसिस अटैक
  • कोडरमा स्टेशन पर ट्रेन को रोककर आरपीएफ व रेलवे प्रशासन ने किया त्वरित बचाव
  • स्टेशन प्रबंधक संतोष कुमार और आरपीएफ प्रभारी दीपक कुमार की तत्परता बनी जीवनरक्षक
  • एम्बुलेंस से सदर अस्पताल और फिर निजी अस्पताल में कराया गया भर्ती
  • बेटी श्रीचेता मजूमदार ने जताया आभार, कहा—यह मदद जीवन भर नहीं भूलेंगे
  • आरपीएफ पहले भी कई बार बीमार यात्रियों की जान बचाने में निभा चुका है सक्रिय भूमिका

ट्रेन में आई तबीयत खराब, यात्रियों की सतर्कता से मिली सूचना

सियालदह-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के डी-10 कोच में सफर कर रहे 79 वर्षीय एमसी मजूमदार को अचानक पैरालिसिस का अटैक आया। यह घटना कोडरमा स्टेशन के पास हुई, जब यात्री की स्थिति गंभीर होने लगी। सहयात्रियों ने तुरंत रेलवे प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद स्टेशन प्रबंधक संतोष कुमार ने तुरंत कदम उठाया।

कोडरमा स्टेशन पर तत्काल मदद, आरपीएफ की सराहनीय सेवा

स्टेशन पर ट्रेन रुकवाकर एमसी मजूमदार को एम्बुलेंस के माध्यम से कोडरमा सदर अस्पताल भेजा गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करने की सलाह दी।
इस दौरान कोडरमा आरपीएफ प्रभारी दीपक कुमार ने अपने निजी खर्चे पर एम्बुलेंस की व्यवस्था कर मरीज को झुमरीतिलैया के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

“अब यात्री खतरे से बाहर हैं और उनका सामान आरपीएफ पोस्ट में सुरक्षित रखा गया है। जब तक उनकी बेटी अस्पताल नहीं पहुंचीं, आरपीएफ के जवान अस्पताल में डटे रहे।”
दीपक कुमार, आरपीएफ प्रभारी, कोडरमा

बेटी ने जताया आभार, बताया पिता के मन की स्थिति

यात्री की छोटी बेटी श्रीचेता मजूमदार ने बताया कि

“हमें रात में सूचना मिली, तब हम बहुत घबरा गए थे। लेकिन जिस तरह आरपीएफ और रेलवे ने पापा की जान बचाई, वह काबिल-ए-तारीफ है। हम उनका जीवनभर आभार मानते रहेंगे।”
श्रीचेता मजूमदार, बेटी

उन्होंने बताया कि उनके पिता दिल्ली इलाज कराने जा रहे थे, जहां उनकी बड़ी बहन रहती हैं। पिछले वर्ष मां के निधन के बाद से पिता मानसिक रूप से तनाव में थे, और इसी वजह से वे दिल्ली में इलाज कराने जा रहे थे।

आरपीएफ की मानवीय भूमिका, पहले भी बचा चुके हैं कई जानें

आरपीएफ प्रभारी दीपक कुमार की तत्परता को लेकर स्टेशन के अन्य अधिकारियों और यात्रियों ने भी प्रशंसा की।
गौरतलब है कि आरपीएफ समय-समय पर यात्रियों की आपातकालीन स्थितियों में सक्रिय भूमिका निभाता आया है।
इससे पूर्व भी बीमार यात्रियों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई गई है।

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