
#सिमडेगाकोलेबिरा #पुलिसकार्रवाई : नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के गंभीर मामले में कोलेबिरा पुलिस ने त्वरित छापेमारी कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा।
- 29 नवंबर 2025 को घटना, 30 नवंबर को मां ने कोलेबिरा थाना में आवेदन दिया।
- घूमने गई नाबालिग व उसकी सहेलियों को रास्ते में तीन युवकों ने रोका।
- आरोपियों द्वारा गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी का आरोप।
- एक नाबालिग लड़की को जबरन सुनसान स्थान पर ले जाकर दुष्कर्म किए जाने की शिकायत।
- पुलिस ने कांड संख्या 90/2025 दर्ज कर SDPO सिमडेगा के नेतृत्व में टीम गठित की।
- तीनों आरोपी— गोपी सिंह, विकाश सिंह, तारकेश्वर सिंह — गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजे गए।
घटना की जानकारी तब सामने आई जब पीड़िता की मां ने कोलेबिरा थाना पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, 29 नवंबर को उनकी नाबालिग बेटी तीन सहेलियों और एक लड़का मित्र के साथ कोलेबिरा घूमने गई थी। देर शाम जब सभी वापस लौट रहे थे, उसी दौरान तीन युवकों ने रास्ते में उन्हें रोक लिया। आरोप है कि युवकों ने पहले गाली-गलौज और मारपीट की, फिर जान से मारने की धमकी देते हुए एक नाबालिग लड़की को जबरन सुनसान स्थान पर ले जाकर दुष्कर्म किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्परता से कांड दर्ज कर जांच टीम का गठन किया और छापेमारी कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
घटना कैसे घटी: परिजनों की शिकायत से खुला पूरा मामला
मामला तब प्रकाश में आया जब 30 नवंबर 2025 को पीड़िता की मां ने थाने जाकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बेटी और उसकी तीन सहेलियां अपने एक लड़का मित्र के साथ घूमने गई थीं। रात होने पर सभी वापस लौट रहे थे तभी जामटोली क्षेत्र से जुड़े तीन युवक— गोपी सिंह, विकाश सिंह, और तारकेश्वर सिंह — अचानक रास्ते में आए और लड़कियों को रोक लिया।
शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने न सिर्फ गाली-गलौज की, बल्कि लड़कियों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट भी की। लड़कियों को गंभीर धमकियां दी गईं और इसी बीच एक नाबालिग लड़की को जबरन सुनसान जंगल की ओर खींचकर ले जाया गया, जहां सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की बात सामने आई।
मां द्वारा दी गई सूचना के आधार पर घटना को अत्यंत गंभीर मानते हुए पुलिस ने तुरंत कानूनी प्रक्रिया शुरू की।
पुलिस की तत्काल कार्रवाई: कांड दर्ज, टीम गठित, आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने शिकायत के बाद कोलेबिरा थाना कांड संख्या 90/2025 दर्ज किया। मामला निम्न धाराओं में दर्ज किया गया—
- धारा 70(2)/126(2)/352/351(2)/3(5) BNS 2023
- पोक्सो अधिनियम 2012 की धाराएँ 4/6/8/10
कांड दर्ज होने के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (SDPO), सिमडेगा के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस ने संबंधित क्षेत्रों में छापेमारी की, संयोजन किया और कुछ ही समय में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी इस प्रकार हैं—
- गोपी सिंह, पिता – कैलाश सिंह, साः जामटोली, थाना कोलेबिरा
- विकाश सिंह, पिता – चन्द्रा सिंह, साः जामटोली, थाना कोलेबिरा
- तारकेश्वर सिंह, पिता – विश्वनाथ सिंह, साः जामटोली, थाना कोलेबिरा
निरीक्षण के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस का कहना है कि मामले को पूर्ण गंभीरता के साथ हैंडल किया जा रहा है और आगे की जांच जारी है।
पुलिस का आधिकारिक बयान
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सिमडेगा ने कहा:
“मामला अत्यंत संवेदनशील है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता के बयान और मेडिकल प्रक्रिया के आधार पर आवश्यक सभी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
कानूनी प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने आवश्यक मेडिकल जांच की प्रक्रिया पूरी की है। साथ ही मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़िता का बयान दर्ज कराया जा रहा है।
पोक्सो अधिनियम के तहत यह मामला फास्ट-ट्रैक श्रेणी का है, इसलिए आगे की जांच और न्यायिक प्रक्रिया भी प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाई जाएगी।
पुलिस ने यह भी बताया कि यदि भविष्य में किसी अन्य पीड़ित या गवाह का बयान आता है, तो उसे मामले में शामिल किया जाएगा।
स्थानीय समाज में आक्रोश और सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
घटना के बाद कोलेबिरा और आसपास के क्षेत्रों में नाराज़गी का माहौल है। लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएँ समाज की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं और नाबालिगों की सुरक्षा हेतु अधिक जागरूकता और निगरानी की आवश्यकता है।
स्थानीय संगठनों ने प्रशासन से प्रभावी निगरानी तंत्र और रात्रिकालीन सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है।
न्यूज़ देखो: संवेदनशील मामलों में त्वरित पुलिस कार्रवाई जरूरी
यह घटना बताती है कि नाबालिगों के साथ होने वाले अपराध आज भी गंभीर चिंता का विषय हैं। पुलिस की तेजी से की गई कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि सुरक्षा व्यवस्था और जागरूकता दोनों मज़बूत हों।
प्रशासन को चाहिए कि ऐसे संवेदनशील मामलों में निगरानी, रोकथाम और कानूनी प्रक्रिया को और मजबूत करे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समाज की सुरक्षा जागरूक नागरिकों से ही होती है मजबूत
नाबालिगों की सुरक्षा सिर्फ कानून या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की सतर्कता पर निर्भर करती है। ऐसे मामलों से सीख लेते हुए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे और किशोर सुरक्षित वातावरण में आगे बढ़ सकें।
स्थानीय समुदायों को सक्रिय होकर सुरक्षा पहल, जन-जागरूकता और युवाओं में सही दिशा देने के प्रयास करने चाहिए।





