
#गढ़वा #डंडई : मुख्य अतिथि शशि भूषण मेहता ने ग्रामीण शिक्षा में जागरूकता की अलख जगाई
- पीयूष इंग्लिश क्लासेस में मासिक परीक्षा परिणाम वितरण का आयोजन हुआ।
- मुख्य अतिथि शशि भूषण मेहता ने दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ।
- उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को मिला मेडल और ट्रॉफी।
- प्रवीण कुमार और अभय सिंह ने दिए प्रेरक संदेश।
- अभिभावकों और शिक्षकों के सहयोग को बताया सफलता की कुंजी।
गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड अंतर्गत बैरिया दामर स्थित पीयूष इंग्लिश क्लासेस में शुक्रवार को मासिक परीक्षा परिणाम वितरण समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों के उत्साह को बढ़ाने वाला रहा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता का प्रतीक भी बना।
शिक्षा की अलख जगाने वाला क्षण
समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि शशि भूषण मेहता, प्रवीण कुमार, अभय सिंह, और संस्थान के शिक्षक पिंटू कुमार यादव ने भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर बच्चों के चेहरों पर उत्साह और अभिभावकों के मन में गर्व की भावना साफ झलक रही थी।
मुख्य अतिथि शशि भूषण मेहता ने कहा: “मेरे द्वारा पढ़ाए गए छात्र आज अपने ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। इससे बड़ी बात एक शिक्षक के लिए और कुछ नहीं हो सकती।”
मेहता ने अपने संबोधन में कहा कि गांव के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें सही दिशा और निरंतर प्रोत्साहन की जरूरत है। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों दोनों से आग्रह किया कि वे बच्चों की शिक्षा में सकारात्मक भूमिका निभाएं।
प्रयास और सफलता की प्रेरणा
समारोह में उपस्थित प्रवीण कुमार ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सफलता निरंतर प्रयास और अनुशासन से ही मिलती है। उन्होंने कहा कि मेहनत करने वाला कभी हारता नहीं, क्योंकि हर असफलता उसे एक नया सबक देती है।
अभय सिंह ने कहा: “जो अच्छे अंक लाए हैं, उन्हें और मेहनत करनी है, और जो पीछे रह गए हैं, उन्हें दोगुनी मेहनत की जरूरत है। असफलता हमें यह सिखाती है कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया था। अगर किया जाए, तो सफलता सभी को मिलेगी।”
अभय सिंह का यह वक्तव्य छात्रों के बीच नई ऊर्जा लेकर आया। छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट से अपने उत्साह का इज़हार किया। कार्यक्रम में कई विद्यार्थियों ने मंच से अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे संस्थान के शिक्षकों के मार्गदर्शन ने उन्हें आत्मविश्वास दिया।
शिक्षा और सामुदायिक सहयोग की मिसाल
संस्थान के शिक्षक पिंटू कुमार यादव ने समारोह के समापन पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, और यह संभव हो पाया है अभिभावकों के सहयोग से।
पिंटू कुमार यादव ने कहा: “अगर अभिभावक इसी प्रकार सहयोग करते रहे, तो मैं सभी छात्रों को बहुत अच्छी मंजिल तक पहुंचाऊंगा।”
उन्होंने कहा कि पीयूष इंग्लिश क्लासेस का उद्देश्य केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाना नहीं है, बल्कि बच्चों के अंदर आत्मविश्वास, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना पैदा करना भी है।
ग्रामीण शिक्षा में हो रहा सशक्तिकरण
बैठक में यह बात उभरकर सामने आई कि ग्रामीण इलाकों में शिक्षा अब केवल किताबों तक सीमित नहीं रही। ऐसे आयोजनों से बच्चों में न केवल प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ती है, बल्कि उन्हें अपने लक्ष्यों के प्रति सजग रहने की प्रेरणा भी मिलती है।
बैरिया दामर जैसे छोटे गांव में हो रहे इस प्रकार के आयोजन यह साबित करते हैं कि यदि इच्छा और समर्पण हो, तो सीमित संसाधनों में भी उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण शिक्षा की नई राहें
यह खबर बताती है कि गढ़वा जैसे ग्रामीण इलाकों में भी अब शिक्षा केवल एक जरूरत नहीं, बल्कि एक आंदोलन बनती जा रही है। शिक्षकों, अभिभावकों और समाज के सामूहिक प्रयासों से शिक्षा अब गांव की पहचान बन रही है।
ऐसे उदाहरण सरकार और प्रशासन को भी प्रेरित करते हैं कि वे ग्रामीण शिक्षा के लिए और ठोस कदम उठाएं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा ही भविष्य की दिशा
जब बच्चे अपनी मेहनत से सफलता हासिल करते हैं, तो वह केवल परिवार नहीं, बल्कि पूरे समाज की जीत होती है। इस प्रेरणादायक आयोजन से यह संदेश मिलता है कि शिक्षा में निवेश ही सबसे बड़ा सामाजिक निवेश है।
आइए, हम सब मिलकर शिक्षा को आंदोलन बनाएं।
अपने गांव के बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करें, इस खबर को दोस्तों के साथ साझा करें और एक बेहतर भविष्य की नींव रखने में योगदान दें।



