
#गिरिडीह #बाल_कल्याण : विधायक के हस्तक्षेप से चिलगा पंचायत के राजन को मिला नया जीवन, रांची में शुरू हुआ बेहतर इलाज
- चिलगा पंचायत के 12 वर्षीय राजन कुमार वर्मा की बीमारी और गरीबी की खबर सामने आई।
- होटल में काम कर दवाई खरीदने और 92 किमी दूर धनबाद तक अकेले इलाज कराने की मजबूरी।
- जानकारी मिलते ही विधायक मंजू कुमारी ने इलाज की पूरी जिम्मेदारी ली।
- राजन को रांची ले जाकर अनुभवी नेफ्रोलॉजिस्ट से करवाई गई विस्तृत जांच।
- डॉक्टरों के अनुसार—नियमित इलाज और दवाइयों से राजन पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है।
गिरिडीह। जमुआ विधानसभा क्षेत्र के पंचायत चिलगा ग्राम चिरुडीह का 12 वर्षीय बालक राजन कुमार वर्मा, पिता सिकंदर वर्मा, बीते कई महीनों से एक गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। गरीबी इतनी गहरी थी कि यह मासूम बच्चा अपनी पढ़ाई छोड़कर होटल में बर्तन मांजने का काम करने लगा था, ताकि अपनी दवाइयों का खर्च उठा सके। इतना ही नहीं, इलाज कराने वह अकेले 92 किलोमीटर दूर धनबाद तक जाता था। यह खबर जब समाचार पत्र में प्रकाशित हुई, तो पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया।
विधायक मंजू कुमारी ने ली पहल, कहा—“यह बच्चा अकेला नहीं है”
खबर प्रकाशित होने के बाद कई शुभचिंतकों ने यह दर्दनाक स्थिति माननीय जमुआ विधायक मंजू कुमारी तक पहुंचाई। मामले की गंभीरता समझते हुए उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप किया और राजन के इलाज की पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए उसे रांची बुलाया।
विधायक स्वयं राजन की जांच प्रक्रिया में शामिल रहीं और सुनिश्चित किया कि उसे सर्वश्रेष्ठ उपचार मिले।
रांची में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा जांच, आई राहत की खबर
राजन का रांची में एक अनुभवी नेफ्रोलॉजिस्ट की देखरेख में इलाज शुरू हुआ। कई आवश्यक जांचों के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बीमारी गंभीर जरूर है, परंतु नियमित उपचार और दवाइयों से राजन पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है। यह उसके भविष्य के लिए एक बड़ी और सुखद खबर है।
“हर बच्चे का अधिकार है स्वास्थ्य, शिक्षा और सम्मान”
विधायक मंजू कुमारी ने कहा कि राजन जैसे बच्चों को अपनी उम्र बीमारी या मजदूरी में नहीं, बल्कि पढ़ाई और सपनों की उड़ान में बितानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा—
“मेरे क्षेत्र का कोई भी बच्चा बेसहारा नहीं रहेगा। ज़रूरत पड़ने पर मैं हर बच्चे के साथ खड़ी रहूंगी।”
उन्होंने उन सभी लोगों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने समय रहते राजन की स्थिति की जानकारी दी और इस मदद को संभव बनाया।
समाज में संवेदना और सहयोग की मिसाल
राजन का मामला केवल एक बच्चे की बीमारी का नहीं, बल्कि समाज में संवेदनशीलता और एकजुटता का उदाहरण भी है। लोगों की जागरूकता से शुरू हुआ यह प्रयास अब राजन के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।
न्यूज़ देखो: बच्चे की मुस्कान समाज की ताक़त
राजन के मामले ने दिखाया है कि संवेदना और त्वरित कार्रवाई किसी भी ज़िंदगी को बदल सकती है। जब समाज, जनप्रतिनिधि और प्रशासन एक साथ खड़े हों, तो कठिनाइयां छोटी पड़ जाती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चों की मदद मानवता का सबसे बड़ा धर्म
आइए हम सब मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य, पढ़ाई और अधिकारों के लिए जागरूक बनें। अपने आसपास किसी भी जरूरतमंद बच्चे को देखें तो चुप न रहें—आवाज़ उठाएं, मदद करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
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