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गढ़वा में जानकी विवाह फाउंडेशन का सराहनीय कदम — आदिम जनजातियों के बीच खाद्य सामग्री वितरण

#गढ़वा #सामाजिकसेवा : कोरवा-परहिया समुदाय के बीच फाउंडेशन ने बांटी जरूरी वस्तुएं — जिला परिषद चेयरमैन शांति देवी रहीं मुख्य अतिथि

सामाजिक सरोकार की दिशा में फाउंडेशन की पहल

गढ़वा जिले में सेवा और सहयोग की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए जानकी विवाह फाउंडेशन ने आदिम जनजाति कोरवा और परहिया समुदाय के बीच खाद्य सामग्री और जरूरी वस्तुओं का वितरण किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था कि वंचित परिवारों को दैनिक जीवन की आवश्यकताओं में सहयोग मिल सके और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

शांति देवी ने दी सहयोग और प्रेरणा की सीख

इस अवसर पर जिला परिषद चेयरमैन शांति देवी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि समाज को जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए।

शांति देवी ने कहा: “जानकी विवाह फाउंडेशन का यह कार्य मानवता की सच्ची मिसाल है। समाज में सहयोग और सेवा की भावना को बढ़ावा देना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।”

उन्होंने फाउंडेशन को भविष्य में भी इसी तरह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित किया और नगर परिषद की ओर से हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

फाउंडेशन का उद्देश्य और प्रतिबद्धता

फाउंडेशन से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि संस्था का मुख्य उद्देश्य गरीब, असहाय और जरूरतमंद परिवारों की मदद करना है। समय-समय पर फाउंडेशन द्वारा इस तरह के सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि कमजोर वर्ग को बुनियादी सुविधाएं मिलती रहें और उनकी स्थिति में सुधार हो।

संस्था ने यह भी आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रम और अधिक स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक परिवारों को लाभ मिल सके और समाज में सहयोग और एकजुटता की भावना मजबूत हो।

समुदाय का आभार और संतोष

कार्यक्रम में शामिल कोरवा और परहिया समुदाय के लोगों ने इस पहल के लिए जानकी विवाह फाउंडेशन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ऐसे सहयोग से उनके जीवन में बहुत सहूलियत होती है, खासकर तब जब जीवन-यापन की स्थिति कठिन हो जाती है।

उनका मानना था कि समाज के अन्य संगठन भी अगर इसी तरह आगे आएं तो वंचित समुदायों के जीवन में बदलाव तेजी से आ सकता है।

न्यूज़ देखो: मानवता की सच्ची तस्वीर

गढ़वा में जानकी विवाह फाउंडेशन की यह पहल एक मजबूत संदेश देती है कि सहयोग और सेवा की भावना से ही समाज का संतुलन और विकास संभव है। यह कदम आदिम जनजातियों के जीवन में राहत तो पहुंचाता ही है, साथ ही नागरिक समाज की जिम्मेदारी को भी उजागर करता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग समाज से ही बनेगा सहायक भविष्य

जरूरतमंदों की सहायता करना हम सबकी जिम्मेदारी है। सामूहिक सहयोग से ही कमजोर तबकों का जीवन आसान और बेहतर बनाया जा सकता है। आपसे अनुरोध है कि इस खबर पर अपनी राय कमेंट में साझा करें, इसे शेयर करें और दूसरों को भी सामाजिक सरोकार से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।

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