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गढ़वा में छठ पर्व की तैयारियों को लेकर “कॉफी विद एसडीएम” में बनी ठोस रणनीति

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#गढ़वा #छठपर्वतैयारी : प्रशासन और पूजा समितियों ने मिलकर बनाई रूपरेखा, साफ-सफाई और विधि व्यवस्था पर रहा फोकस
  • सदर एसडीएम संजय कुमार के संवाद कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” में छठ पूजा समितियों के प्रतिनिधि हुए शामिल।
  • साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा और बैरिकेडिंग जैसे मुद्दों पर हुई गहन चर्चा।
  • फ्रेंड्स क्लब, बजरंगी क्लब, सूर्यांश क्लब, सतबहिनी झरना समिति सहित कई समितियों ने दिए सुझाव।
  • ध्वनि प्रदूषण पर रोक और हानिकारक डीजे से दूरी बनाने का लिया गया सामूहिक संकल्प।
  • दीपावली से पूर्व छठ घाटों की सफाई और स्थायी नालियों के निर्माण की रखी गई मांग।

गढ़वा अनुमंडल के सदर एसडीएम संजय कुमार की पहल पर आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” इस बार छठ पर्व की तैयारियों को समर्पित रहा। बैठक में अनुमंडल क्षेत्र की कई छठ पूजा समितियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और महापर्व की तैयारी को लेकर अपने सुझाव व समस्याएं साझा कीं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा बलों की तैनाती, बैरिकेडिंग, जलस्तर नियंत्रण और चेंजिंग रूम जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई।

छठ समितियों ने रखी अपनी मांगें

बैठक में स्टूडेंट क्लब, फ्रेंड्स क्लब, न्यू गोल्डन क्लब, बजरंगी क्लब, न्यू प्रिंस क्लब नगवां, जागृति युवा क्लब जोबरैया, सतबहिनी झरना समिति कांडी, सूर्यांश क्लब सहेजना, शिव क्लब करमडीह, छठ सेवा समिति सहेजना, जयदेवी क्लब टंडवा, छठ पूजा समिति बाना, कल्याणपुर और भाष्कर पूजा समिति नगवां जैसे प्रमुख संगठनों ने अपनी बात रखी।
सभी प्रतिनिधियों ने प्रशासन से छठ पर्व के दौरान साफ-सफाई, रोशनी और शांति व्यवस्था को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने घाटों पर अस्थायी व्यवस्था के बजाय स्थायी नालियों और जल निकासी प्रणाली विकसित करने की भी मांग रखी ताकि हर वर्ष दोहराई जाने वाली दिक्कतों का समाधान हो सके।

एसडीएम ने दिया भरोसा

सदर एसडीएम संजय कुमार ने उपस्थित समितियों को विश्वास दिलाया कि प्रशासन छठ पर्व के शांतिपूर्ण, स्वच्छ और सुरक्षित आयोजन के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।

एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “गढ़वा का छठ पर्व पूरे झारखंड में अपनी भव्यता, पवित्रता और शालीनता के लिए जाना जाता है। इस बार भी प्रशासन और समितियों के संयुक्त प्रयास से इसे और अनुकरणीय बनाया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि गढ़वा में छठ पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि सामूहिकता और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

पारंपरिकता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर

बैठक में पूर्व पार्षद एवं समाजसेवी जितेंद्र सिंहा ने कहा कि छठ पर्व की पवित्रता और परंपराओं को बनाए रखना जरूरी है, इसलिए इसे मेले और डीजे जैसी आधुनिक चकाचौंध से दूर रखा जाना चाहिए।
फ्रेंड्स क्लब के अरुण जायसवाल और स्टूडेंट क्लब के विनोद जायसवाल ने दानरो नदी किनारे स्थायी नालियों के निर्माण की बात उठाई। उन्होंने मांग की कि दीपावली से पहले ही सभी घाटों की साफ-सफाई पूरी की जाए ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

डीजे से दूरी और शोरगुल पर नियंत्रण का सामूहिक निर्णय

टी ग्रुप के ब्रजेश उपाध्याय और जय देवी संघ के टिंकू गुप्ता ने ध्वनि विस्तारकों के अनियंत्रित उपयोग पर रोक लगाने की बात रखी।
उनके सुझाव पर सभी समितियों ने सर्वसम्मति से अनावश्यक शोरगुल और हानिकारक डीजे से दूरी बनाने का संकल्प लिया।
टिंकू गुप्ता ने यह भी प्रस्ताव रखा कि सभी छठ समितियों को मिलाकर एक महासमिति बनाई जाए, जिससे समन्वय और बेहतर संचार संभव हो सके।

स्थानीय प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी

बैठक में सतबहिनी झरना समिति के नवल किशोर तिवारी, सूर्यांश क्लब के अभिषेक कुमार, नगवां के मणि शर्मा, दीपुआ मोहल्ला के पंकज कुमार, तरके के अक्षय कुमार, जोबरैया के जितेंद्र पाल, हनुमान नगर के नागेंद्र दुबे, बाना के राहुल चंद्रा समेत कई प्रतिनिधि शामिल रहे।
इन सभी ने विधि-व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन, और सुरक्षा के मुद्दों को उठाया। एसडीएम ने उनके सुझावों को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि संबंधित विभागों को तत्काल निर्देश दिए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

न्यूज़ देखो: गढ़वा का छठ पर्व बन रहा आदर्श उदाहरण

गढ़वा में छठ पर्व की तैयारियों का यह मॉडल पूरे राज्य के लिए प्रेरणा बन सकता है। “कॉफी विद एसडीएम” जैसी संवादात्मक पहल प्रशासन और जनता के बीच भरोसे की नई मिसाल पेश कर रही है।
इस बैठक ने साफ कर दिया कि जब नागरिक और प्रशासन एक मंच पर आते हैं, तो सामूहिक प्रयासों से हर त्योहार और भी अनुशासित और गरिमामय बन सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

स्वच्छता और संस्कृति के संग बने सामूहिक उदाहरण

छठ पर्व केवल आस्था का नहीं बल्कि सामूहिक सहयोग और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। अब यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस पावन पर्व को स्वच्छ, शांतिपूर्ण और परंपरा के अनुरूप बनाएं।
हर श्रद्धालु की भूमिका इस त्योहार की गरिमा बनाए रखने में अहम है — आइए हम सब मिलकर गढ़वा को एक आदर्श उदाहरण बनाएं।
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Sonu Kumar

गढ़वा

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