Latehar

पोखरी कलां के बरामदा चौंक पर जलसा का आयोजन: विधायक पुत्र विजय बहादुर सिंह रहे मुख्य अतिथि

Join News देखो WhatsApp Channel
#लातेहार #जलसा : नातिया कलाम और तकरीर से गूंजा आयोजन स्थल, बड़ी संख्या में लोग जुटे
  • पोखरी कलां बरामदा चौंक पर रविवार रात हुआ जलसा कार्यक्रम
  • मुख्य अतिथि बने विधायक रामचंद्र सिंह के पुत्र सह युथ कांग्रेस स्टेट कोऑर्डिनेटर विजय बहादुर सिंह
  • हाजी मुमताज अली, नसीम अंसारी, मो. सईद अंसारी, समीम अंसारी समेत कई गणमान्य लोग रहे मौजूद।
  • फिता काटकर जलसे का हुआ उद्घाटन, पेश किए गए नातिया कलाम और तकरीरें
  • बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए, मुस्लिम समाज को दिया गया अमल का पैगाम

लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र के पोखरी कलां स्थित बरामदा चौंक पर रविवार रात्रि जलसा का आयोजन किया गया। इस धार्मिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और गणमान्य उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में विधायक रामचंद्र सिंह के पुत्र तथा युथ कांग्रेस स्टेट कोऑर्डिनेटर विजय बहादुर सिंह पहुंचे।

गणमान्य लोगों की मौजूदगी में हुआ उद्घाटन

जलसा का उद्घाटन विजय बहादुर सिंह, हाजी मुमताज अली, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष नसीम अंसारी, विधायक प्रतिनिधि प्रेम कुमार सिंह उर्फ पिंटू, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मो. सईद अंसारी, समाजसेवी समीम अंसारी और मो. सुभानी अंसारी ने संयुक्त रूप से फिता काटकर किया। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर उत्साह और श्रद्धा का माहौल देखने को मिला।

नातिया कलाम और तकरीरों से गूंजा जलसा

जलसे के दौरान वालेमा और उलेमा-ए-किराम ने एक से बढ़कर एक नातिया कलाम पेश किया। इस्लाम की शिक्षाओं और दिन की अहमियत पर विस्तारपूर्वक तकरीरें की गईं। वक्ताओं ने कहा कि मुस्लिम समाज को अपनी जिंदगी में अच्छे कर्म और पैगंबर की सीखों को अमल में लाना चाहिए।

समाज को मिला अमल का पैगाम

कार्यक्रम में आए विद्वानों ने बताया कि नात और तकरीर केवल सुनने भर के लिए नहीं, बल्कि इन्हें अपने जीवन में उतारना चाहिए। यही असली अमल है जो समाज को सही दिशा देता है। मौके पर एनामुल अंसारी, अलीहसन अंसारी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और जलसे की शिक्षाओं को आत्मसात करने का संदेश लेकर लौटे।

न्यूज़ देखो: धर्म और समाज को जोड़ने का प्रयास

ऐसे आयोजन न सिर्फ धार्मिक शिक्षा का माध्यम बनते हैं, बल्कि समाज में भाईचारा और सकारात्मक संदेश भी फैलाते हैं। पोखरी कलां का यह जलसा सामाजिक एकजुटता और धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बन गया।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जलसा से मिली नई प्रेरणा

अब समय है कि हम सभी धार्मिक कार्यक्रमों से मिली सीख को जीवन में उतारें और समाज में अमन और भाईचारे का संदेश फैलाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि सकारात्मकता और जागरूकता आगे बढ़े।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250925-WA0154
IMG-20251017-WA0018
1000264265
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250610-WA0011
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: