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पाड़ो में सजी झारखंडी संस्कृति की झलक, शताब्दी पुराना ईंद मेला धूमधाम से सम्पन्न

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#बानो #ईंदमेला : पारंपरिक गीत-संगीत और लोकनृत्य ने झुमाया जनसमूह
  • ग्राम पाड़ो में नव युवक संघ द्वारा पारंपरिक ईंद मेला का हुआ भव्य आयोजन।
  • कार्यक्रम का उद्घाटन जिला परिषद बिरजो कंडुलना और रविन्द्र सिंह सहित अतिथियों ने फीता काटकर किया।
  • नागपुरी गीत-संगीत कार्यक्रम ने दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा।
  • कलाकार कुमार प्रीतम, संगति कुमारी, रतनी बड़ाईक, थॉमस, और मनीषा ने दी शानदार प्रस्तुतियां।
  • आयोजन को सफल बनाने में पुनीत प्रीतम सिंह व उनकी टीम का रहा अहम योगदान।

बानो, सिमडेगा: प्रखंड के ग्राम पाड़ो में सोमवार को पारंपरिक ईंद मेला का आयोजन किया गया, जिसमें झारखंड की लोकसंस्कृति और परंपरा की झलक देखने को मिली। इस ऐतिहासिक मेले का आयोजन नव युवक संघ पाड़ो द्वारा किया गया था। मौके पर जिला परिषद सदस्य बिरजो कंडुलना, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष रविन्द्र सिंह, सचिव विकास मघईया, शिवनंदन बड़ाईक और समिति अध्यक्ष पुनीत प्रीतम सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

झारखंडी परंपरा का संरक्षण बना मेला का उद्देश्य

उद्घाटन के दौरान जिला परिषद सदस्य बिरजो कंडुलना ने कहा कि “ईंद मेला झारखंड की लोकसंस्कृति का जीवंत उदाहरण है, जो हमारे किसानों, कारीगरों और कलाकारों को एक साथ जोड़ता है। खेती-किसानी के बीच थोड़ा समय निकालकर लोग इस मेले में आनंद और विश्राम पाते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मेले ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक एकता को सशक्त बनाते हैं।

वहीं, प्रखंड अध्यक्ष रविन्द्र सिंह ने कहा, “पाड़ो ईंद मेला लगभग 100 वर्षों से निरंतर आयोजित होता आ रहा है। यह हमारी पहचान, हमारी संस्कृति और परंपरा को जीवित रखे हुए है। हम सभी का दायित्व है कि इस परंपरा को सहेजें और शांति बनाए रखें।”

इंद्र देव और ग्राम देवता की पूजा से हुई शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक विधि-विधान से की गई। पहान महतो मुंडा और पुजार कुंद्रा मुंडा द्वारा ईंद टॉप गाड़कर इंद्र देव और ग्राम देवता की पूजा-अर्चना की गई। पूजा के बाद पूरे ग्राम में उत्साह और आनंद का माहौल फैल गया।

लोकगीतों और नृत्य से गूंजा मेला मैदान

मंच पर लोक संस्कृति की मनमोहक झलक देखने को मिली। रतन बड़ाईक ने माता वंदना गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम का आरंभ किया। इसके बाद गायक कुमार प्रीतम, संगति कुमारी, रतनी बड़ाईक, और थॉमस ने अपने सुरों से दर्शकों को झुमाया। डांसर मनीषा के ऊर्जावान प्रदर्शन ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। पूरे दिन गांववासी झारखंडी लोककला, तामाशा और खेलों का आनंद लेते रहे।

समिति के समर्पण से बना आयोजन सफल

ईंद मेला के सफल आयोजन में समिति अध्यक्ष पुनीत प्रीतम सिंह, उपाध्यक्ष छोटेलाल सिंह, कोषाध्यक्ष उदय महतो, सचिव सुनील बरवा, उप सचिव विजय साहू, और मीडिया प्रभारी गौरव गौतम सिंह सहित सभी सदस्यों का अहम योगदान रहा। उनके अथक प्रयासों से मेला का आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण और मनोरंजक ढंग से सम्पन्न हुआ।

न्यूज़ देखो: संस्कृति और एकता का सजीव उदाहरण बना पाड़ो का ईंद मेला

पाड़ो का ईंद मेला इस बात का प्रमाण है कि झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर आज भी गांवों की आत्मा में जीवित है। जब लोकगीत, नृत्य और सामूहिक आनंद एक मंच पर मिलते हैं, तो समाज में एकता और परंपरा दोनों और मजबूत होती हैं।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संस्कृति से जुड़े रहें, परंपरा को जीवित रखें

पाड़ो ईंद मेला जैसी पहलें हमें अपनी जड़ों से जोड़ती हैं। अब समय है कि हम सब मिलकर अपनी लोकसंस्कृति को संजोएं, कलाकारों को प्रोत्साहित करें और इस खबर को साझा करें ताकि झारखंड की सांस्कृतिक पहचान पूरे देश में गूंज उठे।

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Shivnandan Baraik

बानो, सिमडेगा

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