
#सिमडेगा #क्रिसमस_कार्निवाल : अल्बर्ट एक्का स्टेडियम से जिलेभर के युवाओं की शोभायात्रा, लाइव कैरोल और जीवंत चरनी मुख्य आकर्षण
- CCYA और क्रिसमस कार्निवाल कमिटी के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन।
- 17 से 19 दिसम्बर तक चलेगा क्रिसमस सह मेला महोत्सव।
- अल्बर्ट एक्का स्टेडियम से शोभायात्रा, लाइव कैरोल और जीवंत चरनी का प्रदर्शन।
- फादर किशोर लकड़ा और जॉन कुल्लू करेंगे शोभायात्रा का उद्घाटन।
- बिशप व जिला अधिकारियों के आगमन के साथ प्रतिदिन विशेष अतिथियों का सम्मान।
- स्टॉल बुकिंग के लिए 7004457154 और 8789763920 पर संपर्क अनिवार्य।
26 नवंबर 2025 को घोचोटोली चर्च प्रांगण में आयोजित बैठक में CCYA की संयोजक कमिटी ने क्रिसमस गैदरिंग 2025 और आगामी क्रिसमस सह कार्निवाल की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह भव्य क्रिसमस कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम 17 दिसम्बर से शुरू होगा, जिसमें कई चर्चों के हजारों युवा-युवतियां शोभायात्रा के ज़रिए पूरे शहर में प्रभु यीशु के जन्म का संदेश देंगे। कार्यक्रम तीन दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल रहेंगे।
शोभायात्रा की रोशनी में चमकेगा सिमडेगा शहर
इस वर्ष का क्रिसमस कार्निवाल अल्बर्ट एक्का स्टेडियम से आरंभ होगा। शोभायात्रा में युवाओं का विशेष दल प्रभु जन्म की महिमा का प्रचार करेगा और संदेशों से शहर को एकता, प्रेम और मानवता का संदेश देगा।
शोभायात्रा मार्ग
- अल्बर्ट एक्का स्टेडियम
- झूलन सिंह चौक
- नीचे बाजार
- पेट्रोल पंप
- फिर वापसी अल्बर्ट एक्का स्टेडियम
शोभायात्रा का उद्घाटन फादर किशोर लकड़ा और फादर जॉन कुल्लू करेंगे। मुख्य आकर्षण के रूप में लाइव क्रिसमस कैरोल और जीवंत चरनी की प्रस्तुति रहेगी, जिसमें प्रभु यीशु के जन्म की बाइबिलिक झलकियां संवाद और अभिनय के साथ प्रस्तुत की जाएंगी।
जीवंत चरनी और कैरोल होंगी आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम में विशेष टीम द्वारा जीवंत चरनी (Live Nativity) की झांकी बनाई जाएगी। इसमें मरियम, जोसेफ, चरवाहों और बालक यीशु की प्रस्तुति जीवंत रूप में दर्शाई जाएगी। साथ ही, लाइव क्रिसमस कैरोल के माध्यम से कई भाषाओं और भजनों में यीशु के जन्म की स्तुति की जाएगी।
उद्देश्य: युवाओं में आध्यात्मिकता और समाज-सेवा की भावना
इस क्रिसमस महोत्सव का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि युवाओं में समाज-सेवा, अनुशासन, आस्था और मानवता की भावना को जागृत करना है। इस अवसर पर विभिन्न चर्चों के युवक-युवतियों को सहभागी बनने का मौका दिया जाएगा, जिसके लिए कमिटी ने सभी चर्चों से प्रतिभागियों के नाम शीघ्र देने का आग्रह किया है।
क्रिसमस मेला महोत्सव: 3 दिनों का भव्य आयोजन
17 दिसंबर की शाम 4 बजे से शुरू होगा क्रिसमस सह मेला महोत्सव जो 19 दिसम्बर रात्री कार्यक्रम तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, गीत-नृत्य, प्रार्थनाएं, प्रतियोगिताएं और आकर्षक स्टॉल लगाए जाएंगे।
मुख्य अतिथियों के रूप में बिशप और जिला प्रशासन
कमिटी ने घोषणा की कि तीनों दिन मेला में विभिन्न चर्चों के बिशप और जिला प्रशासन के अधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे, जिससे कार्यक्रम न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बने।
मेला में स्टॉल के लिए जल्द करें संपर्क
इस बार स्टॉल से जुड़े कुछ विशेष बदलावा किए गए हैं। इसलिए स्टॉल लगाने के इच्छुक लोगों को समय से आवेदन करने की अपील की गई है। इच्छुक लोग नीचे दिए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
📞 7004457154
📞 8789763920
प्रशासन के साथ बैठक होगी आयोजित
भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कमिटी जल्द ही प्रशासन के साथ बैठक करेगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों को बिना किसी परेशानी के धार्मिक उत्सव का आनंद मिल सके।
बैठक में उपस्थित सदस्य
बैठक में अगुस्टिना किंडो, शीला टोप्पो, शशि मिंज, नोमिता बा, बसंत लोंगा, ओलिभर लकड़ा, कुलदीप किंडो, पतरस एक्का, गाब्रिएल, नवीन वीरेन तिर्की, समीर केरकेट्टा, जोनी किंडो, वरदान लकड़ा, दिलीप तिर्की एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
न्यूज़ देखो: सिमडेगा में धार्मिक उत्सव और नागरिक सहभागिता का प्रतीक
सिमडेगा में आयोजित क्रिसमस कार्निवाल यह बताता है कि शहर में धार्मिक उत्सव केवल आस्था के नहीं, बल्कि सामाजिक सहभागिता और सामुदायिक एकता के भी प्रतीक हैं। इस आयोजन में युवाओं की सक्रिय भागीदारी आस्था और सामाजिक बदलाव की दिशा दिखाती है। धार्मिक कार्यक्रमों में प्रशासनिक सहयोग से जनता का भरोसा भी मजबूत होता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
एकता की रोशनी, सिमडेगा का संदेश
धर्म, समाज और संस्कृति जब एक मंच पर मिलते हैं, तो एकता और प्रेम का उत्सव जन्म लेता है। यह कार्निवाल न केवल क्रिसमस मनाने का अवसर है, बल्कि प्रेम, शांति और सद्भाव की शिक्षा भी देता है। आइए, इस उत्सव का हिस्सा बनकर समाज में सकारात्मक संदेश फैलाएं।
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