
#पांडू #छठ_पूजा : मुसीखाप पुरवारा टोला में छठ महापर्व पर “कलयुग का अवतार” नाटक का शानदार मंचन, युवाओं ने दी समाज को प्रेरणा
- पांडू प्रखंड के मुसीखाप पुरवारा टोला में छठ पूजा के अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
- मंच पर प्रस्तुत नाटक “कलयुग का अवतार उर्फ जय छठी मइया” ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
- कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि बुधीराम ने दीप प्रज्वलित कर किया।
- नाटक के माध्यम से युवाओं को सामाजिक और नैतिक मूल्यों का संदेश दिया गया।
- गणपति क्लब के सदस्यों ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
झारखंड के पलामू जिला के पांडू प्रखंड अंतर्गत मुसीखाप पुरवारा टोला में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के शुभ अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर “कलयुग का अवतार उर्फ जय छठी मइया” शीर्षक से ब्रह्मपुरी नाटक का मंचन हुआ जिसने दर्शकों के हृदय को छू लिया।
कलयुग में आस्था और नैतिकता का संदेश
नाटक के माध्यम से यह दर्शाया गया कि आधुनिक युग में भी धार्मिक आस्था, सच्चाई और नैतिकता का पालन कितना आवश्यक है। नाटक की कहानी ने समाज को यह सोचने पर मजबूर किया कि अगर इंसान अपने संस्कारों और धर्म से दूर होता है, तो उसका जीवन अंधकारमय हो जाता है।
मुख्य अतिथि बुधीराम ने कहा: “आज के युवा कल के भविष्य हैं। यह नाटक हमें सिखाता है कि गलत रास्ते पर चलने से समाज और परिवार दोनों प्रभावित होते हैं। मुझे विश्वास है कि युवा इस संदेश से प्रेरणा लेकर सही मार्ग अपनाएंगे।”
मुख्य अतिथि ने गणपति क्लब के सभी सदस्यों की सराहना की और हर संभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया।
प्रशासन और समाज के प्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस अवसर पर पांडू जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि अरविंद सिंह, विद्युत उपभोक्ता संघ के अध्यक्ष भाई गोविंद सिंह, पंचायत समिति सदस्य प्रवेश साव उर्फ ठेगू भाई, पूर्व मुखिया अरविंद कुमार सिंह, तिजेन्द्र सिंह, नाटक मंडली के निर्देशक संतोष कुमार शर्मा, जलेश्वर चंद्रवंशी, गणपति क्लब अध्यक्ष सुनील चंद्रवंशी, दीपक पासवान, प्रमोद विश्वकर्मा, उदय चंद्रवंशी, मिथिलेश चंद्रवंशी, लालेश चंद्रवंशी, और सीताराम विश्वकर्मा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में गंगा आरती और भक्ति गीतों की मधुर धुनों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। मंच पर कलाकारों की अद्भुत प्रस्तुति को देखकर दर्शक भाव-विभोर हो उठे।
समाजिक एकता और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बना आयोजन
“जय छठी मइया” नाटक ने न केवल धार्मिक आस्था को उजागर किया बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों पर भी प्रहार किया। नाटक के संवाद और प्रस्तुति ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब वह संस्कार, अनुशासन और भक्ति को साथ लेकर चले।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने नाटक मंडली की सराहना करते हुए आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त किया।
न्यूज़ देखो: संस्कृति से जुड़ना ही समाज को सशक्त बनाता है
पांडू में आयोजित यह सांस्कृतिक कार्यक्रम इस बात का उदाहरण बना कि धार्मिक आस्था और सामाजिक चेतना का संगम ही समाज को सशक्त बनाता है। “जय छठी मइया” नाटक ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि जीवन के गहरे संदेशों को भी छुआ।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रेरणा का संदेश – आस्था और संस्कृति से जोड़ती है छठ पूजा
छठ पर्व सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, अनुशासन और सामूहिकता का प्रतीक है। ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों से युवाओं में समाजसेवा और नैतिकता की भावना जागती है।
अब समय है कि हम सब इस सकारात्मक परंपरा को आगे बढ़ाएं, अपनी राय कमेंट करें और इस प्रेरणादायक खबर को दोस्तों तक साझा करें ताकि संस्कृति और आस्था का यह संदेश हर घर तक पहुंचे।




