
#पलामू #नवरात्रि : पाण्डु हुआ भक्तिमय – जय माता दी के जयकारों से गूंजा पूरा क्षेत्र
- नवरात्रि के पावन अवसर पर तीसीबार खुर्द में भव्य कलश यात्रा का आयोजन।
- सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालु कलश लेकर पहुंचे त्रिवेणी घाट।
- गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों से गुंजायमान रहा वातावरण।
- आचार्य सुरेंद्र पांडेय ने कहा – माता की भक्ति से मिलती है सुख-शांति और समृद्धि।
- ग्रामीणों की बड़ी भागीदारी, समाज में भाईचारा और भक्ति का संचार।
पलामू/पाण्डु। नवरात्रि के पावन अवसर पर पाण्डु प्रखण्ड के तीसीबार पंचायत अंतर्गत तीसीबार खुर्द गांव में सोमवार को आस्था और उत्साह से परिपूर्ण भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। सुबह देवी धाम तीसीबार से वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा-अर्चना के बीच कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ। इसके बाद श्रद्धालु त्रिवेणी घाट से पवित्र जल भरकर मंदिर परिसर में पुनः स्थापित करने पहुंचे।
भक्ति और उत्साह का अनोखा संगम
कलश यात्रा के दौरान “जय माता दी” के गगनभेदी नारे गूंजते रहे। गाजे-बाजे की मधुर धुन, ढोल-नगाड़ों की थाप और भक्तिमय गीतों से पूरा क्षेत्र भक्ति में डूब गया। महिलाएँ सिर पर कलश रखे मंगल गीत गा रही थीं, वहीं पुरुष श्रद्धालु हाथों में ध्वज और डंडा लिए आगे बढ़ रहे थे।
स्थानीय लोगों ने किया स्वागत
ग्रामीणों ने यात्रा मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और शीतल जल की व्यवस्था की। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर आगे बढ़ते रहे और पूरा वातावरण दिव्य आभा से सराबोर नजर आया।
क्या बोले आचार्य सुरेंद्र पांडेय
मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना संपन्न कराते हुए आचार्य सुरेंद्र पांडेय ने कहा—
आचार्य सुरेंद्र पांडेय: “नवरात्रि माता रानी का पावन महीना है। सच्चे मन से माता की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है और परिवार में सुख-शांति एवं समृद्धि का वास होता है।”
बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
इस धार्मिक आयोजन में गुडु कुमार, डॉ. निरंजन कुमार, राहुल सिंह, सुजीत कुमार, विकास कुमार, जनेश्वर बैठा समेत आसपास के दर्जनों गांवों के श्रद्धालु शामिल हुए। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह के आयोजन से समाज में भक्ति, भाईचारा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
भव्य आयोजन से गूंजा तीसीबार खुर्द
दिनभर गांव का माहौल भक्तिमय बना रहा। महिलाएँ-पुरुष नए परिधान पहनकर पूरे उत्साह से यात्रा में शामिल हुए। गली-गली में माता रानी के गीतों की गूंज सुनाई दी और श्रद्धालु एक स्वर में माता रानी की महिमा का गुणगान करते रहे।

न्यूज़ देखो: आस्था से जुड़ता है सामाजिक सद्भाव
नवरात्रि जैसे पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सद्भावना का प्रतीक भी हैं। तीसीबार खुर्द की भव्य कलश यात्रा ने यह संदेश दिया कि सामूहिक भक्ति से समाज में प्रेम और सहयोग की भावना मजबूत होती है।
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माता रानी की भक्ति में डूबा जनमानस
नवरात्रि का पर्व आस्था और सकारात्मकता का प्रतीक है। अब समय है कि हम सब अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजते हुए समाज में शांति और भाईचारे का संदेश फैलाएँ। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि श्रद्धा और एकता का यह संदेश दूर तक पहुँच सके।