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श्रावण माह में निकलेगी भव्य कांवर यात्रा, 11 जुलाई से झारखंड विश्वनाथ मंदिर तीसीबार में शुरू होगी आस्था की धारा

#पलामू #कांवर_यात्रा : श्रद्धा, संगीत और शिवभक्ति का संगम — पांडु प्रखंड के तीसीबार में गाजे-बाजे के साथ उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब

श्रद्धालुओं के स्वागत को तैयार है तीसीबार

पलामू जिला अंतर्गत पांडु प्रखंड के तीसीबार पंचायत स्थित झारखंड विश्वनाथ मंदिर में इस वर्ष भी श्रावण मास का महापर्व कांवर यात्रा बड़े धूमधाम और आस्था के साथ मनाया जाएगा। 11 जुलाई (शुक्रवार) 2025 से लेकर 9 अगस्त (शनिवार) 2025 तक कांवरियों की टोलियां शिवभक्ति में लीन होकर गाजे-बाजे के साथ मंदिर परिसर में जुटेंगी।

11 जुलाई को होगा कांवर यात्रा का शुभारंभ

यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई की सुबह 9 बजे से होगी, जब कांवरिए झारखंड विश्वनाथ मंदिर से बोल बम के नारों के साथ यात्रा पर निकलेंगे। शाम 4 बजे रुद्राभिषेक का आयोजन होगा, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे।

मुख्य संरक्षक विनय कुमार दुबे ने कहा: “यह आयोजन हमारी संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। हम सभी भक्तों से अपील करते हैं कि वे इस आयोजन में शामिल होकर पुण्य प्राप्त करें।”

अगले दिन मंगला आरती और गंगा बाकी आरती

12 जुलाई की सुबह 4 बजे मंगला आरती से मंदिर परिसर गूंज उठेगा। शाम 7 बजे गंगा बाकी आरती के साथ आयोजन का दूसरा दिन भी भक्तिरस में सराबोर रहेगा। मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाएगा और सुरक्षा-व्यवस्था को भी पुख्ता किया गया है।

मंदिर सदस्य सोना कुमार दुबे ने कहा: “इस बार भी कांवर यात्रा का आयोजन पूरी भव्यता के साथ होगा। ढोल-नगाड़ों और झूमते श्रद्धालुओं के साथ पूरा इलाका शिवमय हो जाएगा।”

कांवर यात्रा को लेकर उत्सव जैसा माहौल

क्षेत्र में कांवर यात्रा को लेकर गहमागहमी शुरू हो चुकी है। भक्तों के स्वागत के लिए तैयारी अंतिम चरण में है। जलसंकलन, भंडारा, चिकित्सा शिविर और स्वच्छता अभियान जैसे तमाम व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जा रही हैं।

न्यूज़ देखो: आस्था के संग चलती जनसंवेदना की यात्रा

श्रावण माह का यह पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं, जनमानस की ऊर्जा, एकता और आस्था का प्रतीक भी है। तीसीबार जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे आयोजन सामाजिक समरसता और लोक परंपराओं को जीवित रखते हैं।
न्यूज़ देखो ऐसे आयोजनों की सतत रिपोर्टिंग से न केवल श्रद्धालुओं की भावनाओं को जगह देता है, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का माध्यम भी बनता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था की शक्ति ही सामाजिक परिवर्तन की प्रेरणा है

कांवर यात्रा जैसे आयोजन न केवल भक्ति का प्रतीक हैं, बल्कि यह लोक भागीदारी, सेवा और समर्पण की मिसाल भी पेश करते हैं। आप भी इस आयोजन में भाग लें, श्रद्धा में जुड़ें और इस खबर को अपने प्रियजनों तक पहुंचाएं।
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