
#महुआडांड़ #ख्रीस्तराजापर्व : बड़े गिरजाघर से निकला विशाल जुलूस – श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़
- महुआडांड़ प्रखंड में ख्रीस्त राजा पर्व श्रद्धा और गरिमा के साथ मनाया गया।
- संत जोसेफ बड़े गिरजाघर से निकला भव्य धार्मिक जुलूस।
- जुलूस अम्वाटोली, शास्त्री चौक, रामपुर चौक, बिरसा चौक, शहीद चौक से गुजरा।
- हजारों श्रद्धालुओं ने बैनर व झंडों के साथ शांतिपूर्ण सहभागिता की।
- चर्च परिसरों में साहेब जतरा मेला लगा, जहाँ भीड़ उमड़ी रही।
- मेले में स्थानीय हस्तशिल्प, पारंपरिक खाद्य पदार्थ, बच्चों के झूले आकर्षण का केंद्र रहे।
महुआडांड़ प्रखंड में रविवार को ख्रीस्त राजा पर्व अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। सुबह से ही बड़े गिरजाघर के साथ गोठगांव, साले, पकरीपाठ और आसपास के कई गिरजाघरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़़ी। पूरे क्षेत्र का वातावरण प्रार्थना, भजन और भक्ति गीतों की मधुर ध्वनि से भर गया। प्रार्थना के बाद संत जोसेफ बड़े गिरजाघर से एक भव्य धार्मिक जुलूस निकाला गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने अनुशासन के साथ हिस्सा लिया।
श्रद्धा, अनुशासन और शांति से भरा भव्य जुलूस
जुलूस संत जोसेफ बड़े गिरजाघर से शुरू होकर अम्वाटोली, शास्त्री चौक, रामपुर चौक, बिरसा चौक और शहीद चौक होते हुए पुनः गिरजाघर पहुँचा। भक्तों ने प्रभु यीशु के संदेश वाले बैनर और झंडे लेकर पूरे मार्ग में शांति, प्रेम और आस्था का वातावरण बनाया। महिलाओं, पुरुषों, बुजुर्गों और युवाओं की उपस्थिति ने इस धार्मिक आयोजन को और भी भव्य बना दिया। मार्ग भर प्रार्थना, गीत और भक्तिभाव की अद्भुत अनुभूति होती रही।
प्रभु यीशु के संदेशों का प्रसार
जुलूस के दौरान श्रद्धालुओं से यह संदेश साझा किया गया कि प्रभु यीशु का राज्य आध्यात्मिक है, जिसका आधार प्रेम, दया, मानवता और शांति है। लोगों को प्रेरित किया गया कि वे इन मूल्यों को अपनाकर समाज में सौहार्द और भाईचारा बढ़ाएँ। जुलूस के उपरांत गिरजाघर में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें प्रभु यीशु के उपदेशों पर मनन किया गया तथा समुदाय की समृद्धि और शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई।
साहेब जतरा मेले में उमड़ा जनसैलाब
धार्मिक आयोजनों के बाद महुआडांड़, गोठगांव, साले, टूंग टोली, पकरीपाठ सहित कई गांवों में साहेब जतरा मेले का आयोजन हुआ। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले में भारी भीड़ देखने को मिली। स्थानीय हस्तशिल्प, पारंपरिक खाद्य पदार्थ, खिलौने और बच्चों के झूले मेले की रौनक बढ़ाने वाले मुख्य आकर्षण रहे। दिनभर लोगों की आवाजाही बनी रही और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने उत्साहपूर्वक मेले का आनंद लिया।
सामाजिक समरसता और सामुदायिक उत्साह का प्रतीक
ख्रीस्त राजा पर्व और साहेब जतरा मेला दोनों ने महुआडांड़ क्षेत्र में सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक उल्लास का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। धार्मिक आस्था और पारंपरिक मेले की खुशियों ने पूरे प्रखंड को एक त्योहार जैसी अनुभूति प्रदान की।

न्यूज़ देखो: आस्था और परंपरा का संगम समुदायों को जोड़ने की ताकत
महुआडांड़ में ख्रीस्त राजा पर्व पर निकला यह भव्य जुलूस और साहेब जतरा मेला बताता है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन समाज को जोड़ने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जहाँ एक ओर आस्था लोगों को आध्यात्मिक रूप से जोड़ती है, वहीं मेले जैसे आयोजन सामाजिक रिश्तों को मजबूत बनाते हैं।
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प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश समाज को आगे बढ़ाने की राह
प्रभु यीशु के उपदेश प्रेम, दया और शांति पर आधारित हैं। ऐसे आयोजनों से हमें प्रेरणा मिलती है कि हम इन मूल्यों को अपने जीवन में उतारें और समाज में सद्भाव बढ़ाएँ।
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