
#बेतला #सांस्कृतिक_कार्यक्रम : राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कव्वाली मुकाबले में मशहूर सूफी कलाकारों ने समरसता और उत्साह से भर दिया पूरा माहौल।
- नेशनल सोशल यूथ कमिटी बरवाडीह की ओर से भव्य कव्वाली मुकाबला आयोजित किया गया।
- उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, पूर्व सांसद धीरज साहू, विधायक रामचंद्र सिंह और हाजी मुमताज अली ने किया।
- मुकाबले में प्रसिद्ध सूफी कव्वाल रईस अनिस साबरी और सलमान अली ने प्रस्तुति दी।
- वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को सामाजिक समरसता बढ़ाने वाला बताया।
- कार्यक्रम में सुरक्षा हेतु लातेहार पुलिस की विशेष तैनाती रही।
राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर बेतला पार्क के समीप ग्राम अखरा में देर रात तक चले भव्य कव्वाली मुकाबले ने पूरे क्षेत्र में उत्साह का वातावरण बना दिया। नेशनल सोशल यूथ कमिटी बरवाडीह द्वारा आयोजित इस आयोजन में विभिन्न जिलों से भारी संख्या में लोग पहुंचे। मंचासीन अतिथियों ने संयुक्त रूप से फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। रात 11 बजे मशहूर सूफी कव्वाल रईस अनिस साबरी ने देशभक्ति कलाम से कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसके बाद पूरा माहौल देशभक्ति और सूफियाना रंग से भर गया। दर्शकों ने दोनों कव्वालों की हर प्रस्तुति का तहेदिल से स्वागत किया।
भव्य मंच और सूफियाना अंदाज़ में बही सुरों की गंगा
आकर्षक रोशनियों से सजे मंच पर रईस अनिस साबरी और सलमान अली ने अपनी टीम के साथ लगातार अद्भुत प्रस्तुतियां दीं। उनकी मधुर आवाज़ और सुरीले सुरों ने दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा। देशभक्ति से लेकर सूफियाना कलाम तक, हर प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। पलामू प्रमंडल के विभिन्न इलाकों से आए दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे और माहौल पूरी तरह आनंदमय रहा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बढ़ती है सामाजिक समरसता
कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा:
राधाकृष्ण किशोर ने कहा: “इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम से सामाजिक समरसता बढ़ती है और प्रेम प्रगाढ़ होता है।”
उनके इस बयान ने मंच पर मौजूद दर्शकों में उत्साह और राज्य के सांस्कृतिक विरासत को लेकर गर्व की भावना भर दी।
अतिथियों का सम्मान और कमेटी की सराहनीय पहल
कमेटी के सदस्यों ने मंचासीन अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया। आयोजकों ने बताया कि इस कव्वाली मुकाबले का उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक विरासत और सूफी कला को नई पीढ़ी से जोड़ना था। बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और खास बना दिया।
सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
भीड़ को देखते हुए बरवाडीह, छिपादोहर और लातेहार पुलिस की टीमों ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था संभाली। पुलिस की तैनाती और सतर्कता से कार्यक्रम बिना किसी अव्यवस्था के सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। आयोजकों ने बताया कि कमेटी के सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
न्यूज़ देखो: सांस्कृतिक आयोजनों से जुड़े समाज की नई पहचान
यह कार्यक्रम साबित करता है कि सांस्कृतिक गतिविधियाँ समाज में समरसता, मेल-जोल और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं। बेतला में हुआ यह आयोजन न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का मंच भी साबित हुआ। ऐसे प्रयासों को और बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि युवा पीढ़ी अपनी कला और संस्कृति से जुड़ी रहे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
कला से जुड़े, समाज को मजबूत करें
सांस्कृतिक आयोजन सिर्फ मनोरंजन नहीं होते, बल्कि समाज को जोड़ने वाले मजबूत सेतु बनते हैं। कव्वाली जैसी कला हमारी परंपरा, सूफियाना विरासत और भाईचारे का प्रतीक है। इसलिए ज़रूरी है कि हम ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहित करें, उनमें भाग लें और नई पीढ़ी को भी जोड़ें। अपनी राय कमेंट में लिखें, इस खबर को साझा करें और सांस्कृतिक जागरूकता को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें।





