#पलामू #विश्वकर्मा_पूजा : झांकी का उद्घाटन थाना प्रभारी और मुखिया ने किया, ग्रामीणों ने दिया सौहार्द का संदेश
- तीसीबार कला पंचायत में विश्वकर्मा पूजा पर भव्य झांकी का आयोजन।
- उद्घाटन थाना प्रभारी विगेश कुमार राय और पंचायत मुखिया पूनम देवी ने किया।
- झांकी में सामाजिक और धार्मिक संदेशों की हुई शानदार प्रस्तुति।
- आसपास के गांवों से उमड़ी भीड़, माहौल रहा भक्तिमय।
- आयोजन समिति और ग्रामीणों के प्रयास की खूब सराहना की गई।
विश्वकर्मा पूजा के पावन अवसर पर पाण्डु प्रखंड के तीसीबार कला पंचायत में गुरुवार रात्रि को भव्य झांकी का आयोजन किया गया। पूरे गांव में श्रद्धा और उत्साह का माहौल रहा। झांकी में ग्रामीणों की भारी भागीदारी देखने को मिली और चारों ओर भक्ति व सौहार्द का संदेश गूंजता रहा।
उद्घाटन और संबोधन
कार्यक्रम का उद्घाटन पाण्डु थाना प्रभारी विगेश कुमार राय और पंचायत मुखिया पूनम देवी ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।
थाना प्रभारी ने मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा:
विगेश कुमार राय: “विश्वकर्मा पूजा श्रम और सृजन का पर्व है। इस अवसर पर हम सभी को आपसी भाईचारा और शांति का परिचय देते हुए समाज में सौहार्द बनाए रखना चाहिए।”
उन्होंने आयोजन समिति और ग्रामीणों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इस उत्सव को जनसम्पर्क और सामाजिक एकता का प्रतीक बताया।
झांकी में उमड़ा उत्साह
पूरे आयोजन स्थल पर भक्तिमय वातावरण बना रहा। झांकी में धार्मिक व सामाजिक संदेशों को आकर्षक रूप से प्रस्तुत किया गया। इसमें बुराई पर अच्छाई की विजय, एकता और भाईचारे की सीख को भी दर्शाया गया, जिसे ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने खूब सराहा।
भीड़ और सहभागिता
झांकी देखने के लिए आसपास के गांवों से भी लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उत्सव में गोपाल प्रसाद, लव खुश साउंड के मालिक बिपिन कुमार, अविनाश सिंह समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। आयोजन समिति की सक्रियता और ग्रामीणों के सहयोग से कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा।

न्यूज़ देखो: विश्वकर्मा पूजा ने जोड़ा समाज को
यह झांकी सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी बनी। ऐसे आयोजनों से गांवों में समरसता और सांस्कृतिक चेतना को बल मिलता है। यह स्पष्ट है कि सामूहिक प्रयास से समाज में शांति और सौहार्द का माहौल कायम रह सकता है।
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त्योहारों से मिलती है सामाजिक एकजुटता
विश्वकर्मा पूजा जैसे पर्व हमें न सिर्फ धार्मिक आस्था से जोड़ते हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारे को भी मजबूत करते हैं। अब समय है कि हम इन आयोजनों को और व्यापक बनाकर समाज में शांति और सहयोग की मिसाल पेश करें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि अधिक लोग इससे जुड़ सकें।