
#पटना #एसटीएफ_छापेमारी – एके-47, करोड़ों कैश और दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया सस्पेंड ASI सरोज सिंह!
- समस्तीपुर जिले में एसटीएफ ने सस्पेंड एएसआई के घर मारा छापा
- एके-47 समेत अत्याधुनिक हथियार, कई राइफलें और कारतूस बरामद
- एक करोड़ से अधिक नगद और कई जमीनों के दस्तावेज जब्त
- पटना के सगुना मोड़ और गर्दनीबाग में भी हुई छापेमारी
- चार महीने से फरार चल रहा था एएसआई सरोज सिंह
बिहार पुलिस के भीतर से उठा अपराध का चेहरा
पटना। बिहार में पुलिस महकमे को शर्मसार करने वाला बड़ा खुलासा सामने आया है। समस्तीपुर जिले के मोहद्दीनगर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गंगा दियारा इलाके में एसटीएफ और जिला पुलिस बल ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए निलंबित एएसआई सरोज सिंह के ठिकाने से एके-47, राइफलें, मैगजीन, कारतूस और एक करोड़ रुपये से अधिक नगद बरामद किए हैं।
हथियारों का जखीरा और करोड़ों की संपत्ति
एसटीएफ ने सरोज सिंह के घर पर गुप्त सूचना के आधार पर शुक्रवार को छापेमारी की। इस दौरान जो सामान बरामद हुए, उन्होंने पुलिस तंत्र और आंतरिक भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बरामद सामग्री में शामिल हैं:
- एके-47 राइफल
- कई अन्य देशी-विदेशी हथियार
- बंदूक, मैगजीन और भारी संख्या में कारतूस
- ₹1 करोड़ से अधिक नकद
- कई जमीनों के कागजात और प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े दस्तावेज
कैसे हुआ पर्दाफाश?
एसडीपीओ राजीव कुमार सिंह ने बताया कि सरोज सिंह जहानाबाद यातायात थाना में एएसआई के पद पर कार्यरत था। चार–पांच महीने पहले वह 15 दिन की छुट्टी पर गया, लेकिन लौटकर नहीं आया। विभागीय नोटिस और स्पष्टीकरण के बावजूद अनुपस्थित रहने पर एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने उसे सस्पेंड कर दिया।
इसके बाद एसटीएफ की जांच में सरोज सिंह के अवैध गतिविधियों और हथियारों की खरीद-बिक्री में संलिप्तता की पुष्टि हुई, जिसके बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई।
पटना में भी ताबड़तोड़ छापेमारी
सरोज सिंह की निशानदेही पर एसटीएफ ने पटना के सगुना मोड़, गर्दनीबाग सहित अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की। यहां से भी कैश और अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए।
पूरे जिले में चर्चा का विषय बना मामला
इस सनसनीखेज खुलासे के बाद समस्तीपुर और पटना में पुलिस विभाग के भीतर गहराई तक फैले भ्रष्टाचार पर बहस तेज हो गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि एक एएसआई के पास एके-47 और करोड़ों की संपत्ति कहां से आई? क्या इसमें ऊपरी स्तर तक मिलीभगत है?
न्यूज़ देखो: जब पुलिस ही बन जाए अपराधी
यह मामला साफ दिखाता है कि अगर जांच निष्पक्ष हो तो अपराधी वर्दी में भी पकड़े जा सकते हैं। STF की यह कार्रवाई न सिर्फ एक बड़ी कामयाबी है, बल्कि बिहार पुलिस में व्याप्त गंभीर आंतरिक भ्रष्टाचार की भी तस्वीर पेश करती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जनता का भरोसा लौटाना जरूरी
ऐसे मामले आम जनता के पुलिस और कानून व्यवस्था पर से भरोसे को डगमगाते हैं। ज़रूरत है कि ऐसे अपराधियों को न केवल सस्पेंड, बल्कि कानून के तहत कठोर सजा दी जाए, ताकि वर्दी की गरिमा बची रह सके।