
#बरवाडीह #चपरी_मेला : दूसरे दिन भारी भीड़, खरीदारी और झूले का आनंद लेते दिखे लोग जबकि पुलिस पूरे मेले में सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद रही।
- बरवाडीह के चपरी जतरा मेले में रविवार को दूसरे दिन भारी भीड़ उमड़ी।
- लकठो सहित परंपरागत सामान खरीदने में लोगों को भीड़ के कारण कठिनाई हुई।
- झूला, आर्केस्ट्रा और अन्य मनोरंजन कार्यक्रमों में बच्चे व युवा सबसे अधिक उत्साहित दिखे।
- मेला परिसर में वाहनों का लंबा जाम देखने को मिला।
- शांतिपूर्ण संचालन के लिए पुलिस बल तैनात रहा।
रविवार को बरवाडीह के प्रसिद्ध चपरी जतरा मेले में उमड़ी भीड़ ने पूरे क्षेत्र का माहौल उत्सवपूर्ण बना दिया। तीन दिवसीय इस पारंपरिक मेले के दूसरे दिन दुकानों, झूलों, खेलों और मनोरंजन कार्यक्रमों में लोगों की इतनी भारी भीड़ रही कि कई जगहों पर चलना तक मुश्किल हो गया। खरीदारी करने पहुंचे लोगों को लकठो सहित विभिन्न सामानों के लिए दुकानों तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ी, जबकि झूला और आर्केस्ट्रा के आसपास बच्चों और युवाओं की उत्साहित भीड़ लगातार जुटी रही।
दूसरे दिन रिकॉर्ड भीड़, खरीदारी में लगी लंबी कतारें
चपरी जतरा मेले के दूसरे दिन भीड़ पहले दिन की तुलना में काफी अधिक रही। बरवाडीह, महुआडांड़, चंदवा, गारू, Latehar और आसपास के ग्रामीण इलाकों से आए लोगों ने खरीदारी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विशेष रूप से लकठो, खिलौने, घरेलू उपयोग की वस्तुएं, लहठी, मिट्टी के बर्तन और परंपरागत सामान बेचने वाले दुकानदारों की दुकानें सुबह से ही ग्राहकों से भरी रहीं।
कई स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दिख रही है और दूसरे दिन की भीड़ ने उम्मीद से ज्यादा कारोबार कराया है।
झूला और आर्केस्ट्रा बने बच्चों और युवाओं का आकर्षण
मेले में लगे झूले, ड्रैगन ट्रेन, ब्रेक डांस, और आर्केस्ट्रा शो लोगों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बने रहे। झूलों पर चढ़ने के लिए बच्चों और युवाओं को लंबी लाइन में इंतजार करना पड़ा। कई परिवार शाम को अपने बच्चों के साथ झूला झूलने आए और देर रात तक मेले का आनंद लेते रहे।
हर्ष-उल्लास और संगीत से भरे माहौल ने मेले को और भी अधिक जीवंत बना दिया।
बढ़ती भीड़ से यातायात व्यवस्था पर दबाव
मेले में उमड़ी भारी भीड़ का असर सड़कों पर भी दिखा। पूरे दिन बरवाडीह-बालूमाथ रोड और आसपास के मार्गों पर वाहनों का तांता लगा रहा।
दोपहर से रात तक मेले तक आने और वहां से लौटने वाले लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती रही, जिससे कई स्थानों पर जाम जैसी स्थिति बन गई। पुलिस कर्मियों ने जगह-जगह ट्रैफिक संभाला और लोगों को सुरक्षित रूप से मेले तक पहुंचने में मदद की।
पुलिस की सख्त निगरानी, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
चपरी जतरा मेला हमेशा से भीड़ और उत्सव के लिए जाना जाता है, ऐसे में पुलिस ने सुरक्षा के मोर्चे पर विशेष तैयारी की थी। पूरे मेला परिसर में बरवाडीह थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस बल लगातार गश्त करता रहा। भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और आपात स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई।
लोगों ने बताया कि पिछले वर्षों की तरह इस बार भी पुलिस की सतर्कता से मेला शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में आगे बढ़ रहा है।
सोमवार को होगा मेले का समापन
तीन दिवसीय यह ऐतिहासिक चपरी जतरा मेला सोमवार को सम्पन्न हो जाएगा। अंतिम दिन को लेकर भी बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है। दुकानदारों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मेला न केवल व्यापार बढ़ाने का अवसर देता है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान और सामुदायिक उत्साह को भी मजबूत करता है।

न्यूज़ देखो: जन सहभागिता से जीवंत हुआ चपरी मेला
इस वर्ष चपरी जतरा मेले में दिखी अपार भीड़ यह साबित करती है कि सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराएं आज भी लोगों को जोड़ती हैं। व्यापार, मनोरंजन और पारिवारिक सहभागिता के इस संगम में स्थानीय प्रशासन की व्यवस्था भी सराहनीय रही। भीड़, सुरक्षा और ट्रैफिक जैसी चुनौतियों के बावजूद मेला शांतिपूर्वक संचालित हुआ।
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परंपरा को संजोएं, संस्कृति को आगे बढ़ाएं
चपरी जैसा ऐतिहासिक मेला सिर्फ मनोरंजन का माध्यम ही नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत स्वरूप है। ऐसे आयोजनों में आपकी भागीदारी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का मार्ग बनती है। स्थानीय व्यापारियों को सहारा देने और सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाने में आपका सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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