
#Simdega #BudhaMahadev : जलाभिषेक, भंडारा और हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा कोलेबिरा
- अहले सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें, शिव आराधना में लीन श्रद्धालु।
- बूढ़ा महादेव मंदिर डैम किनारे स्थित, आकर्षण का प्रमुख केंद्र।
- भंडारे का आयोजन, श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर लिया आशीर्वाद।
- पुजारी मदन दास ने बताया: अंतिम पूर्णिमा पर भीड़ और बढ़ने की संभावना।
- हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष से पूरा क्षेत्र शिवमय।
सुबह से उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
सावन की अंतिम सोमवारी पर कोलेबिरा प्रखंड मुख्यालय स्थित बूढ़ा महादेव शिव मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। अहले सुबह से ही भक्त जलाभिषेक करने के लिए कतारबद्ध दिखे। शिव आराधना में लीन श्रद्धालुओं के चेहरे पर भक्ति और विश्वास झलक रहा था।
डैम किनारे बसा खूबसूरत बूढ़ा महादेव मंदिर
यह मंदिर कोलेबिरा मुख्यालय से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर डैम के किनारे बसा हुआ है। प्राकृतिक सुंदरता से घिरा यह स्थल केवल आस्था का ही नहीं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। पूजा के बाद लोग डैम का मनमोहक दृश्य देखने के लिए रुकते हैं, जो इस धार्मिक स्थल की विशेष पहचान है।
भंडारे में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया। बजरंग दल के कार्यकर्ता श्रद्धालुओं को भक्ति भाव से प्रसाद वितरित करते नजर आए। हजारों श्रद्धालुओं ने इस प्रसाद को ग्रहण कर महादेव का आशीर्वाद लिया।
पुजारी बोले: पूर्णिमा पर और बढ़ेगी भीड़
मंदिर में सेवारत पुजारी मदन दास ने बताया कि अंतिम पूर्णिमा के दिन भीड़ और बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि महादेव भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी करते हैं, यही कारण है कि हर साल सावन में यहां दूर-दराज से भक्त पहुंचते हैं।
पुजारी मदन दास ने कहा: “बूढ़ा महादेव स्थल पर आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना भगवान महादेव पूरी करते हैं। आने वाले पूर्णिमा पर यहां और भी भीड़ उमड़ेगी।”
हर हर महादेव के नारों से गूंजा कोलेबिरा
भक्तों की भीड़, भजन और बोल बम, हर हर महादेव के जयघोष से पूरा कोलेबिरा शिवमय हो गया। सावन की अंतिम सोमवारी पर यहां का दृश्य भक्तों की गहरी आस्था और उत्साह का प्रतीक रहा।



न्यूज़ देखो: आस्था और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम
बूढ़ा महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। सावन के इस पावन महीने में हजारों लोगों की उपस्थिति यह साबित करती है कि लोक आस्था की शक्ति और संस्कृति आज भी उतनी ही जीवंत है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आस्था के इस पर्व को साझा करें
हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखने के लिए आपकी भागीदारी जरूरी है। इस खबर को सोशल मीडिया पर शेयर करें, और कमेंट में बताएं कि आप कहां सावन की सोमवारी मनाते हैं।