#लातेहार #आग : समय पर निकाली गईं छात्राएं, सामान जलकर खाक
- लातेहार जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के हॉस्टल में आग लगी।
- हादसे में कम से कम 25 छात्राएं सुरक्षित बचाई गईं।
- बिस्तर और अध्ययन सामग्री आग में जलकर खाक हो गई।
- आग शॉर्ट सर्किट से लगने की आशंका, जांच जारी।
- दमकल कर्मियों और स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया।
लातेहार जिले में सोमवार सुबह बड़ा हादसा टल गया जब कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, बरियातू के हॉस्टल में अचानक आग लग गई। सुबह करीब छह बजे लगी इस आग ने छात्राओं के बिस्तर और अध्ययन सामग्री को जलाकर राख कर दिया। गनीमत यह रही कि घटना के वक्त सभी छात्राएं मैदान में शारीरिक प्रशिक्षण के लिए गई हुई थीं, जिससे उनकी जान बच गई।
कैसे लगी आग और क्या हुआ नुकसान
पुलिस और विद्यालय प्रशासन के अनुसार, आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। शुरुआती जांच में भी यही संकेत मिले हैं। हॉस्टल के एक कमरे में रखा सामान पूरी तरह से जल गया, हालांकि किसी भी छात्रा को चोट नहीं आई। विद्यालय में कुल 229 छात्राएं नामांकित हैं, जिनमें से करीब 200 हॉस्टल में रहती हैं। जिस कमरे में आग लगी उसमें 20–25 छात्राएं रहती थीं।
दमकल और स्थानीय लोगों की मदद से बुझी आग
बरियातू थाना प्रभारी रंजन कुमार पासवान ने बताया कि स्थानीय लोगों और छात्राओं ने दमकल कर्मियों की मदद की, जिससे आग को एक घंटे से ज्यादा की मशक्कत के बाद काबू में लाया गया। मौके पर पहुंची एक दमकल गाड़ी ने लगातार पानी डालकर आग बुझाई। इस दौरान छात्राओं में अफरातफरी का माहौल था।
गार्ड ने दिखाया साहस
विद्यालय में तैनात गार्ड अंकित उरांव ने भी साहस का परिचय दिया। उन्होंने छात्राओं को सुरक्षित निकालने में मदद की और तत्काल जिला प्रशासन व पुलिस को सूचना दी। उनकी तत्परता से बड़ी दुर्घटना होने से बच गई।
प्रशासन की जांच और वैकल्पिक व्यवस्था
जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) प्रिंस कुमार ने बताया कि आग के कारणों की गहन जांच की जा रही है। भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए सभी बिजली कनेक्शनों की जांच कराई जाएगी। वहीं, विद्यालय प्रशासन ने छात्राओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है और उनके रहने व पढ़ाई के लिए वैकल्पिक प्रबंध किए जा रहे हैं।
न्यूज़ देखो: सुरक्षा प्रबंधन पर उठे सवाल
यह घटना शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा प्रबंधन की गंभीरता को उजागर करती है। हॉस्टल जैसी जगहों पर जहां सैकड़ों छात्राएं रहती हैं, वहां अग्नि सुरक्षा उपकरणों और बिजली व्यवस्था की समय-समय पर जांच बेहद जरूरी है। गार्ड और स्थानीय लोगों की तत्परता से हादसा टल गया, लेकिन यह साफ है कि भविष्य में प्रशासन को सतर्कता और जिम्मेदारी और बढ़ानी होगी।
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बच्चों की सुरक्षा पर मिलकर करें जिम्मेदारी साझा
इस घटना से सबक लेकर जरूरी है कि हम बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। प्रशासन, विद्यालय और अभिभावकों को मिलकर ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे छात्र-छात्राओं की जान खतरे में न पड़े। अब समय है कि हम सजग नागरिक बनकर अपनी राय रखें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।