
#सिमडेगा #विधिक_जागरूकता : जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने व्यवहार न्यायालय परिसर में स्टॉल लगाकर जरूरतमंद वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता और मेगा इंपावरमेंट कैंप की जानकारी दी
- जिला विधिक सेवा प्राधिकार सिमडेगा द्वारा व्यवहार न्यायालय परिसर में जागरूकता स्टॉल का आयोजन।
- गरीब, असहाय, महिला, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, अनुसूचित जाति-जनजाति को निःशुल्क विधिक सेवाओं की जानकारी।
- लोक अदालत, परामर्श और मध्यस्थता सेवाओं पर दी गई विस्तृत जानकारी।
- 21 दिसंबर को नगर भवन में होने वाले मेगा इंपावरमेंट कैंप की दी गई जानकारी।
- समाज कल्याण विभाग के सहयोग से विशेष आवश्यकता वाले लोगों को सहायक उपकरणों का वितरण।
- प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार सिन्हा के करकमलों से हुआ वितरण।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सिमडेगा की ओर से व्यवहार न्यायालय परिसर में एक जागरूकता स्टॉल लगाकर आम लोगों को निःशुल्क विधिक सेवाओं के प्रति जागरूक किया गया। इस स्टॉल के माध्यम से लोगों को यह बताया गया कि वे किन परिस्थितियों में बिना किसी शुल्क के कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य न्याय तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना और समाज के कमजोर वर्गों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना रहा।
निःशुल्क विधिक सेवाओं की दी गई विस्तृत जानकारी
जागरूकता स्टॉल के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा गरीब, असहाय, महिलाएं, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सहित अन्य जरूरतमंद वर्गों को प्रदान की जाने वाली निःशुल्क कानूनी सहायता की जानकारी दी गई। इसमें न्यायालय में वाद दायर करने से लेकर कानूनी परामर्श और प्रतिनिधित्व तक की सुविधाओं के बारे में बताया गया।
अधिकारियों ने लोगों को यह भी समझाया कि विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से बिना किसी आर्थिक बोझ के न्याय प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही लोक अदालत, कानूनी परामर्श, और मध्यस्थता सेवाओं के लाभ और प्रक्रिया पर भी विस्तार से जानकारी दी गई।
लोक अदालत और मध्यस्थता से त्वरित न्याय पर जोर
कार्यक्रम के दौरान यह बताया गया कि लोक अदालत के माध्यम से लंबे समय से लंबित मामलों का आपसी सहमति से त्वरित निपटारा संभव है। इससे समय और धन दोनों की बचत होती है। मध्यस्थता सेवाओं को विवाद समाधान का सरल और प्रभावी माध्यम बताते हुए लोगों को इसका अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की गई।
अधिकारियों ने कहा कि छोटे विवादों को लोक अदालत और मध्यस्थता के जरिए सुलझाकर न्यायालयों पर बढ़ते बोझ को भी कम किया जा सकता है।
21 दिसंबर को मेगा इंपावरमेंट कैंप की जानकारी
जागरूकता स्टॉल के माध्यम से आम लोगों को यह भी जानकारी दी गई कि 21 दिसंबर को झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार और जिला प्रशासन के संयुक्त सहयोग से नगर भवन में एक मेगा इंपावरमेंट कैंप का आयोजन किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि इस कैंप के माध्यम से विभिन्न विभागों की योजनाओं से वंचित पात्र लाभुकों को एक ही छत के नीचे लाभान्वित किया जाएगा। साथ ही कानूनी समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि लोगों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।
सहायक उपकरणों का किया गया वितरण
कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण विभाग के सहयोग से विशेष आवश्यकता वाले लोगों के बीच सहायक उपकरणों का वितरण भी किया गया। यह वितरण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार सिन्हा के करकमलों से संपन्न हुआ।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकार का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। इसके लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति अपने अधिकार से वंचित न रह जाए।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार सिन्हा ने कहा: “विधिक सेवा प्राधिकार समाज के कमजोर वर्गों को न्याय की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और जागरूकता के माध्यम से हम अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।”
निःशुल्क विधिक सहायता लेने की अपील
मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम ने आम लोगों से अपील की कि वे निःशुल्क विधिक सहायता से जुड़ी योजनाओं की जानकारी लें और आवश्यकता पड़ने पर बिना संकोच प्राधिकार से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि सही जानकारी के अभाव में कई लोग अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं, जिसे जागरूकता के जरिए बदला जा सकता है।
कार्यक्रम में न्यायालय कर्मियों के साथ-साथ विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिन्होंने स्टॉल के माध्यम से लोगों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
न्यूज़ देखो: न्याय को आमजन तक पहुंचाने की सार्थक पहल
यह आयोजन दर्शाता है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार केवल न्यायालय तक सीमित नहीं है, बल्कि न्याय को आम लोगों के बीच ले जाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है। निःशुल्क विधिक सेवाओं की जानकारी और सहायक उपकरणों का वितरण सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। प्रशासन और विधिक संस्थाओं की यह पहल सराहनीय है और इसे निरंतर जारी रखने की आवश्यकता है।
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जागरूक नागरिक ही सशक्त न्याय व्यवस्था की नींव
कानूनी जानकारी के अभाव में कई बार लोग अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में विधिक जागरूकता कार्यक्रम समाज के लिए बेहद जरूरी हैं। यदि सही समय पर सही मार्गदर्शन मिले, तो न्याय पाना आसान हो जाता है।










