
#दुमका #सामाजिक_विवाद : आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए शादीशुदा प्रेमी जोड़े को ग्रामीणों ने बंधक बनाया, पुलिस हस्तक्षेप के बाद मामला पहुंचा थाने तक
- जामा थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव में आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया शादीशुदा प्रेमी जोड़ा।
- ग्रामीणों ने दोनों की पिटाई कर रस्सी से बांधकर रातभर बंधक बनाए रखा।
- महिला के देवर को शक होने पर पूरे मामले का हुआ खुलासा।
- सूचना मिलने पर जामा थाना पुलिस और महिला के मायके पक्ष मौके पर पहुंचे।
- पुलिस दोनों को थाना ले गई, बालिग होने का बयान देने पर छोड़ा गया।
- थाना से बाहर निकलते ही दोनों ने मंदिर में शादी कर ली।
- घटना के बाद गांव में कानून बनाम सामाजिक सोच को लेकर बहस तेज।
दुमका जिले के जामा थाना क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। नावाडीह गांव में एक शादीशुदा प्रेमी जोड़ा आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया, जिसके बाद गांव में भारी बवाल मच गया। ग्रामीणों ने कानून को हाथ में लेते हुए दोनों की पिटाई की और रस्सी से बांधकर उन्हें रातभर बंधक बनाए रखा। यह घटना न सिर्फ सामाजिक ताने-बाने को उजागर करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मौजूद सामंती सोच और कानून के प्रति अविश्वास को भी सामने लाती है।
देवर के शक से खुला पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महिला के देवर को लंबे समय से संदेह था कि उसके भाई की पत्नी और गांव के ही एक युवक के बीच अवैध संबंध हैं। मंगलवार को जब उसने दोनों को एक साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया, तो उसने शोर मचाया। इसके बाद देखते ही देखते गांव के लोग मौके पर जुट गए और मामला तूल पकड़ गया।
ग्रामीणों ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के दोनों को पकड़ लिया और उनकी पिटाई कर दी। इतना ही नहीं, उन्हें रस्सी से बांधकर एक स्थान पर रखा गया और रातभर बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान गांव में तनाव का माहौल बना रहा।
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और मायके पक्ष
घटना की जानकारी मिलते ही जामा थाना पुलिस हरकत में आई। साथ ही महिला के मायके पक्ष को भी सूचित किया गया। पुलिस और मायके पक्ष के लोगों के मौके पर पहुंचने के बाद स्थिति को किसी तरह नियंत्रित किया गया।
पुलिस ने दोनों को ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त कराकर थाने ले गई। इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच बहस की स्थिति भी बनी, लेकिन पुलिस ने सूझबूझ से हालात संभाल लिए।
थाना में बयान के बाद छोड़ा गया प्रेमी जोड़ा
जामा थाना में पुलिस ने दोनों से अलग-अलग पूछताछ की। पूछताछ के दौरान दोनों ने खुद को बालिग बताया और अपनी मर्जी से साथ रहने की बात कही। कानूनन दोनों के बालिग होने और किसी जबरदस्ती के आरोप नहीं होने के कारण पुलिस ने उन्हें हिरासत में नहीं रखा और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के बाद छोड़ दिया।
पुलिस का कहना है कि कानून के अनुसार बालिग व्यक्ति को अपनी पसंद से जीवनसाथी चुनने का अधिकार है, जब तक कोई आपराधिक मामला सामने न हो।
थाना से निकलते ही मंदिर में की शादी
मामले ने उस समय नया मोड़ ले लिया, जब थाना से बाहर निकलते ही दोनों ने पास के एक मंदिर में विवाह कर लिया। इस घटना के बाद पूरे इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। ग्रामीणों में कोई इसे सामाजिक मर्यादा की जीत बता रहा है, तो कोई इसे मजबूरी में उठाया गया कदम मान रहा है।
शादी की खबर फैलते ही गांव में लोग दो गुटों में बंट गए। एक पक्ष इसे सही ठहराते हुए कह रहा है कि अब मामला खत्म हो जाना चाहिए, जबकि दूसरा पक्ष इसे सामाजिक परंपराओं के खिलाफ बता रहा है।
गांव में छिड़ी कानून बनाम सामाजिक सोच की बहस
इस घटना के बाद नावाडीह गांव में कानून बनाम सामाजिक सोच को लेकर बहस तेज हो गई है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसी को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार है। ग्रामीणों द्वारा की गई पिटाई और बंधक बनाए जाने की घटना ने मानवाधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
सामाजिक जानकारों का मानना है कि प्रेम संबंधों को लेकर ग्रामीण समाज में आज भी असहिष्णुता देखने को मिलती है, जिसका परिणाम इस तरह की घटनाओं के रूप में सामने आता है।





