
#दुमका #एयरपोर्ट_आग : सुबह अचानक सोलर प्लांट में लगी आग से अफरा-तफरी, दमकल की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद पाया काबू।
- सुबह 9 बजे एयरपोर्ट स्थित सोलर प्लांट में भीषण आग लगी।
- बैटरियों में विस्फोटों से मचा भय और हड़कंप।
- दमकल की दो गाड़ियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई।
- ₹3 लाख से अधिक की संपत्ति जलकर राख हो गई।
- हैंगर में खड़े 6 ट्रेनिंग विमान समय रहते सुरक्षित निकाले गए।
दुमका एयरपोर्ट परिसर स्थित सोलर पावर प्लांट में शुक्रवार की सुबह भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। करीब सुबह 9 बजे लगी आग ने कुछ ही देर में पूरी यूनिट को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी तेज थी कि वहां रखी बैटरियों में लगातार विस्फोट होते रहे, जिससे पूरा इलाका दहल उठा। मौके पर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। प्रारंभिक जांच में लगभग तीन लाख रुपये से अधिक की क्षति का अनुमान लगाया गया है।
आग लगने के कारणों पर जांच जारी
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सुबह सोलर यूनिट से धुआं उठता देखा गया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और वहां रखी बैटरियां एक के बाद एक फटने लगीं। धुआं और लपटें आसमान तक पहुंच गईं। एयरपोर्ट परिसर में मौजूद कर्मचारियों और ट्रेनी पायलटों ने तत्काल दमकल विभाग को सूचना दी।
एयरपोर्ट प्रबंधन की तत्परता से हैंगर में खड़े छह ट्रेनिंग विमान सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
दमकल विभाग की तेज कार्रवाई से टला बड़ा नुकसान
सूचना मिलते ही दमकल विभाग की दो टीमें मौके पर पहुंचीं और तेजी से आग बुझाने का कार्य शुरू किया। आग पर काबू पाने में लगभग एक घंटे का समय लगा। इस दौरान सुरक्षा कारणों से एयरपोर्ट परिसर को खाली कराया गया।
दमकल अधिकारी ने बताया कि आग सोलर बैटरी बैंक से फैलकर कंट्रोल यूनिट तक पहुंच गई थी। समय रहते बिजली की आपूर्ति काटने और उपकरणों को अलग करने से आग को और फैलने से रोका जा सका।
दमकल अधिकारी ने कहा: “अगर हैंगर तक आग फैल जाती, तो लाखों की जगह करोड़ों का नुकसान हो सकता था। हमने पूरी सतर्कता के साथ आग पर काबू पाया।”
तकनीकी जांच के आदेश
घटना के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन और विद्युत विभाग की टीम ने मौके का निरीक्षण किया। प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है, हालांकि वास्तविक कारणों की पुष्टि के लिए तकनीकी जांच की जा रही है।
एयरपोर्ट प्रशासन ने अभी तक किसी भी तकनीकी गड़बड़ी पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट होगा।
स्थानीय लोगों में भय और नाराजगी
आग लगने की घटना से आसपास के इलाके में दहशत फैल गई। लोग एयरपोर्ट के बाहर जमा हो गए और आग बुझाने की प्रक्रिया को देखने लगे। कई स्थानीय नागरिकों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए और कहा कि सोलर प्लांट जैसी जगहों पर फायर सेफ्टी सिस्टम और अलार्म हमेशा सक्रिय रहने चाहिए।
एक स्थानीय निवासी ने कहा: “अगर आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जाता, तो यह एक बड़ा हादसा बन सकता था। ऐसी घटनाओं से सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठते हैं।”
नुकसान का प्रारंभिक आकलन
प्रबंधन सूत्रों ने बताया कि आग में सोलर कंट्रोल पैनल, बैटरियां और वायरिंग सिस्टम जलकर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। नुकसान का प्रारंभिक अनुमान ₹3 लाख लगाया गया है, हालांकि विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक आंकड़ा स्पष्ट होगा।
न्यूज़ देखो: हादसों से सीखने की जरूरत
दुमका एयरपोर्ट के सोलर प्लांट में आग की यह घटना सुरक्षा मानकों पर कई सवाल खड़े करती है। यह आवश्यक है कि सभी सरकारी और अर्धसरकारी परिसरों में फायर सेफ्टी ऑडिट समय-समय पर हो।
तकनीकी जांच के बाद दोषियों की पहचान और सुधारात्मक कदम उठाना अनिवार्य है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदारी और सतर्कता से ही सुरक्षित भविष्य
यह घटना हमें याद दिलाती है कि लापरवाही और तकनीकी चूक किसी भी समय बड़ा खतरा बन सकती है। हमें अपने आसपास के सार्वजनिक स्थलों में सुरक्षा मानकों की मांग करनी चाहिए।
सजग नागरिक बनें, सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
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