
#रांची #आगजनी_घटना : केयर एंड क्योर मेडिसिन में देर रात आग, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू।
रांची के कांके रोड स्थित केयर एंड क्योर मेडिसिन सेंटर में सोमवार देर रात भीषण आग लग गई, जिससे दवा दुकानदार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। दुकान बंद होने के बाद अचानक धुआं और आग की लपटें निकलने लगीं, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर फायर ब्रिगेड और पुलिस मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। प्रारंभिक जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है, जबकि शहर में लगातार बढ़ती आगलगी की घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- कांके रोड, रांची स्थित केयर एंड क्योर मेडिसिन सेंटर में देर रात आग।
- लाखों रुपये की दवाइयां और सामान जलकर राख।
- फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर पाया काबू।
- गोंदा थाना पुलिस की गश्ती टीम भी रही मौजूद।
- शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई गई।
रांची के व्यस्त इलाके कांके रोड पर सोमवार देर रात उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक दवा दुकान में अचानक भीषण आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आसपास के लोगों में दहशत फैल गई। यह आग केयर एंड क्योर मेडिसिन सेंटर में लगी, जहां दुकान के भीतर रखी लगभग सभी दवाइयां और अन्य सामान पूरी तरह जलकर राख हो गए। घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन दुकानदार को लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुकान बंद होने के बाद देर रात अचानक दुकान से धुआं निकलता दिखाई दिया। कुछ ही देर में आग की लपटें बाहर तक दिखने लगीं। स्थानीय लोगों ने तुरंत दुकानदार और अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी।
कैसे लगी आग, क्या बोले दुकानदार
दवा दुकान के मालिक ने बताया कि वे रोज की तरह दुकान बंद कर अपने घर चले गए थे। कुछ समय बाद आसपास के लोगों ने फोन कर उन्हें बताया कि उनकी दुकान से आग की लपटें निकल रही हैं। जब तक वे मौके पर पहुंचे, आग ने पूरी दुकान को अपनी चपेट में ले लिया था।
दुकानदार ने कहा कि दवाइयों के साथ-साथ फर्नीचर, फ्रिज, कंप्यूटर और अन्य जरूरी उपकरण भी पूरी तरह जल गए हैं। उनके अनुसार यह नुकसान लाखों रुपये में है, जिसकी भरपाई कर पाना फिलहाल मुश्किल नजर आ रहा है।
फायर ब्रिगेड और पुलिस की कार्रवाई
सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की टीम दमकल वाहन के साथ मौके पर पहुंची। आग पर काबू पाने के लिए दमकल कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। आसपास की दुकानों और रिहायशी इलाकों को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस ने क्षेत्र को घेर लिया।
गोंदा थाना प्रभारी अभय ने बताया कि देर रात दवा दुकान में आग लगने की सूचना मिली थी, जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस की गश्ती टीम और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची।
थाना प्रभारी अभय ने कहा: “आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है। प्रारंभिक तौर पर यह आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी प्रतीत होती है। मामले की जांच की जा रही है।”
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है, जो राहत की बात है।
एक सप्ताह में तीसरी बड़ी आगलगी
राजधानी रांची में बीते एक सप्ताह के भीतर आगलगी की यह तीसरी बड़ी घटना है। इससे पहले अरगोड़ा इलाके में एक अपार्टमेंट में भीषण आग लगी थी। इसके कुछ ही दिनों बाद अरगोड़ा में ही एक हार्डवेयर दुकान जलकर राख हो गई थी। अब कांके रोड स्थित दवा दुकान में आग लगने की घटना ने शहर की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लगातार हो रही आग की घटनाओं से व्यापारियों और आम नागरिकों में भय का माहौल है। लोगों का कहना है कि दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा के मानकों की नियमित जांच बेहद जरूरी है।
शॉर्ट सर्किट बना बड़ा खतरा
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने बिजली तार, ओवरलोड और नियमित मेंटेनेंस की कमी ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देती हैं। खासकर दवा दुकानों में जहां बड़ी मात्रा में ज्वलनशील सामग्री और बिजली से चलने वाले उपकरण होते हैं, वहां अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता होती है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कांके रोड जैसे व्यस्त इलाकों में नियमित रूप से फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
न्यूज़ देखो: राजधानी में बढ़ती आगलगी की घटनाएं चिंता का विषय
रांची में लगातार हो रही आगलगी की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि शहरी इलाकों में अग्नि सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। दवा दुकान में लगी आग ने व्यापारियों की सुरक्षा और बीमा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। अब जरूरत है कि प्रशासन समय रहते ठोस कदम उठाए, ताकि जान-माल की क्षति को रोका जा सके। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सावधानी ही सुरक्षा, आग से बचाव हम सबकी जिम्मेदारी
आग की घटनाएं अचानक होती हैं, लेकिन सावधानी से इन्हें रोका जा सकता है। बिजली व्यवस्था की जांच, फायर सेफ्टी उपकरण और जागरूकता बेहद जरूरी है। इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट में दें और दूसरों को भी सतर्क रहने के लिए प्रेरित करें।





