
#सिमडेगा #ग्रामसभा_निर्णय : जराकेल पहान टोली चबूतरा में ग्रामीणों ने बालू उठाव और सामुदायिक संपदा सुरक्षा को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया
- जराकेल पहान टोली चबूतरा में वृहद ग्राम सभा का आयोजन।
- बालू उठाव और सामुदायिक संपदा सुरक्षा पर सहमति बनी।
- बैठक की अध्यक्षता ग्राम अध्यक्ष जॉर्ज सोरेंग ने की।
- पंचायत द्वारा स्वयं का राजस्व निर्माण विषय पर चर्चा।
- कई पदाधिकारियों व ग्रामीणों की उपस्थिति में प्रस्ताव पारित हुआ।
बानो प्रखंड क्षेत्र के कानारोवां पंचायत अंतर्गत ग्राम जराकेल में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण और विस्तृत ग्राम सभा आयोजित की गई। यह बैठक जराकेल पहान टोली चबूतरा में ग्राम अध्यक्ष श्री जॉर्ज सोरेंग की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य था—ग्राम पंचायत क्षेत्र में बालू उठाव, सामुदायिक प्राकृतिक संपदा की सुरक्षा, तथा इसके लिए आवश्यक संवैधानिक प्रबंधों पर निर्णय लेना। ग्रामीणों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव को पारित किया।
पंचायत के राजस्व निर्माण पर विशेष चर्चा
सभा के दौरान उपस्थित पदाधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत को अपनी सामुदायिक संपदा का संरक्षण करते हुए स्वयं का राजस्व विकसित करने की दिशा में कार्य करना आवश्यक है। इसी क्रम में पंचायत द्वारा आयोजित कार्यशाला एवं उसके निष्कर्षों को ग्राम सभा में साझा किया गया। ग्रामीणों ने राजस्व सृजन की इस प्रक्रिया का समर्थन करते हुए इसे पंचायत विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।
सामुदायिक संपदा को बचाने पर ग्रामीण एकजुट
बैठक में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई कि ग्राम क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधन जैसे बालू, पानी और जंगल को सुरक्षित रखना ग्रामीणों की प्राथमिकता है। लोगों ने कहा कि जिस प्रकार बाहरी हस्तक्षेप या अनियंत्रित दोहन से संसाधनों को नुकसान पहुंचता है, उसे रोकने के लिए ग्राम सभा के सशक्त फैसले बेहद जरूरी हैं। ग्रामीणों ने सहमति व्यक्त की कि अगर पंचायत स्वयं संसाधन प्रबंधन करेगी, तो एक ओर गाँव का आर्थिक आधार मजबूत होगा और दूसरी ओर पर्यावरण तथा जल स्रोत सुरक्षित रहेंगे।
प्रस्ताव को ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से पास किया
ग्राम सभा में उपस्थित सभी ग्रामीणों एवं पदाधिकारियों ने बालू उठाव से जुड़ी प्रक्रिया, नियमों और पंचायत के अधिकारों पर विस्तृत विचार किया। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रावधानों के अनुरूप संवैधानिक ढांचे के तहत सामुदायिक संपदा सुरक्षा से जुड़े प्रस्ताव को पारित कर दिया।
बैठक में मौजूद प्रमुख सदस्य
इस वृहद ग्राम सभा में अनेक ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। प्रमुख तौर पर शामिल थे—
ग्राम अध्यक्ष जॉर्ज सोरेंग, ग्राम सभा (पेशा) मोबाइलाइजर विकास मघईया, कंपार्ट मुंडा बाईस पढ़ा महाराजा सनिका मुंडा, मुंडा राजा फागू लुगुन, ग्राम सभा सचिव रामचंद्र बड़ाइक, राशन डीलर लोकनाथ सिंह, रूपधर बड़ाइक, महावीर बड़ाइक, लुकास मुंडा, श्रीमोहन साहू, मनोज साहू, थॉमस लुगुन, प्यारा मुंडा, मंनबोद लुगुन, बीएफटी कुलदीप सिंदुरिया, वार्ड सदस्य पूनम समद, पुष्प लुगुन, सबिता देवी, सुनीता डुंगडुंग, तथा भारी संख्या में स्थानीय ग्रामीण।
सभा में लोगों ने यह भी संकल्प लिया कि वे सामुदायिक संपदा की रक्षा के लिए एकजुट होकर कार्य करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर पंचायत को हर संभव सहयोग देंगे।

न्यूज़ देखो: समुदाय के अधिकार और संसाधन प्रबंधन की मिसाल
जराकेल की यह वृहद ग्राम सभा दिखाती है कि जब ग्राम स्तर पर संवैधानिक अधिकारों की समझ बढ़ती है, तो स्थानीय समुदाय अपने संसाधनों और अधिकारों की रक्षा के लिए मजबूत निर्णय लेता है। सामुदायिक संपदा सुरक्षा एवं पंचायत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है।
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सामुदायिक संसाधन, सामूहिक जिम्मेदारी
ग्रामीण विकास तभी संभव है जब जनता स्वयं निर्णय प्रक्रियाओं में सक्रिय भूमिका निभाए। जराकेल की इस पहल से सीख लेकर अन्य पंचायतें भी सामुदायिक संपदा संरक्षण के लिए आगे बढ़ सकती हैं।
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