
#चंदवा #राष्ट्रीयप्रेसदिवस : पत्रकारों की समस्याओं, अधिकारों और संगठनात्मक मजबूती पर विस्तृत चर्चा
- लुकुईया स्थित मिली रेस्टोरेंट में राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर परिचर्चा आयोजित।
- बैठक की अध्यक्षता रोशन गुप्ता, पलामू प्रमंडल प्रभारी (ए.आई.एस.एम.) ने की।
- पत्रकारों के अधिकार, सुरक्षा, संगठनात्मक मजबूती पर विमर्श।
- जिला सचिव मुबारक आलम, वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रतिनिधि उपस्थित।
- निष्पक्ष पत्रकारिता और प्रेस स्वतंत्रता को मजबूत करने का संकल्प लिया गया।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर चंदवा प्रखंड के पत्रकार एकत्र होकर अपने हितों, अधिकारों और चुनौतियों पर गंभीर चर्चा के लिए लुकुईया स्थित मिली रेस्टोरेंट में जुटे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट संगठन (ए.आई.एस.एम.) के पलामू प्रमंडल प्रभारी रोशन गुप्ता ने की, जिन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का आईना होते हैं और उनके हितों की रक्षा लोकतंत्र को मजबूत बनाने की मूल शर्त है। इस मौके पर पत्रकारों की कार्यस्थितियों, सुरक्षा, संगठनात्मक मजबूती और उनके अधिकारों से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
पत्रकारों की समस्याओं पर गंभीर विमर्श
बैठक में बताया गया कि क्षेत्रीय स्तर पर कार्यरत पत्रकार कई चुनौतियों का सामना करते हैं, जिनमें सुरक्षा, संसाधनों की कमी और प्रशासनिक सहयोग की उपलब्धता प्रमुख हैं। रोशन गुप्ता ने संगठन की भूमिका बताते हुए कहा कि पत्रकारों की आवाज़ को मजबूत करना संगठन की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता तभी सुरक्षित होगी जब पत्रकार स्वयं संगठित और जागरूक रहेंगे।
संगठनात्मक एकजुटता पर जोर
कार्यक्रम में उपस्थित जिला सचिव मुबारक आलम, वरिष्ठ पत्रकारों और अन्य प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश में पत्रकारों को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। पत्रकारों ने निष्पक्षता, सत्यता और जनता के पक्ष में खड़े रहने की प्रतिज्ञा दोहराई।
शांतिपूर्ण और प्रेरक माहौल में संपन्न हुआ कार्यक्रम
बैठक सौहार्दपूर्ण और सहयोगपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई। अंत में सभी पत्रकारों ने एक स्वर में संगठनात्मक एकता बनाए रखने और पत्रकारिता की गरिमा की रक्षा के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।
न्यूज़ देखो: पत्रकारिता की स्वायत्तता—लोकतंत्र का सबसे मजबूत आधार
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संगठित पत्रकारिता—मजबूत लोकतंत्र
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