
#चैनपुर #अपराध : शादी का वादा कर नाबालिग का शोषण और जबरन गर्भपात कराने का गंभीर आरोप सामने आया।
चैनपुर थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की से शादी का झांसा देकर लंबे समय तक यौन शोषण और जबरन गर्भपात कराने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता की बड़ी बहन की लिखित शिकायत पर तिगावल गांव निवासी युवक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपी को फरार बताते हुए उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। यह मामला नाबालिगों की सुरक्षा और कानून के सख्त क्रियान्वयन की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
- चैनपुर थाना क्षेत्र में नाबालिग से यौन शोषण का गंभीर मामला।
- तिगावल गांव निवासी अनित भगत (21 वर्ष) पर आरोप।
- शादी का झांसा देकर दो वर्षों तक शारीरिक संबंध बनाने का आरोप।
- जबरन गर्भपात कराने के बाद शादी से इनकार।
- आईपीसी की धारा 376 व 416 के तहत प्राथमिकी दर्ज, आरोपी फरार।
चैनपुर थाना क्षेत्र से सामने आए इस मामले ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। नाबालिग लड़की के साथ लंबे समय तक शोषण और गर्भपात जैसे गंभीर आरोपों ने समाज और प्रशासन दोनों को झकझोर दिया है। पीड़िता की बड़ी बहन द्वारा हिम्मत जुटाकर पुलिस से शिकायत किए जाने के बाद मामला सामने आ सका है।
कैसे सामने आया पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, चैनपुर थाना क्षेत्र के तिगावल गांव निवासी अनित भगत (21 वर्ष), पिता शिव शंकर भगत, पर नाबालिग लड़की के साथ गंभीर अपराध का आरोप लगाया गया है। पीड़िता की बड़ी बहन जोसेफिन तिर्की ने पुलिस को दिए लिखित आवेदन में बताया कि उनकी छोटी बहन पिछले आठ वर्षों से उनके साथ रह रही थी। मां के निधन के बाद वही उसकी परवरिश और देखभाल कर रही थीं।
हाल के कुछ समय से पीड़िता टोंगो में सिस्टर के यहां रहकर काम कर रही थी। इसी दौरान गांव के ही युवक अनित भगत ने उससे संपर्क बढ़ाया और कथित रूप से उसे अपनी बातों में फंसाया।
शादी के झांसे में लेकर किया शोषण
शिकायत में बताया गया है कि आरोपी ने नाबालिग को शादी का भरोसा दिलाकर पिछले दो वर्षों तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता आरोपी के वादों पर विश्वास करती रही। इस दौरान जब वह गर्भवती हो गई, तो आरोपी ने शादी का आश्वासन देते हुए कथित रूप से उसका जबरन गर्भपात करा दिया।
गर्भपात के बाद बदला रवैया
पीड़िता की बड़ी बहन के अनुसार, गर्भपात के बाद आरोपी का व्यवहार पूरी तरह बदल गया। उसने शादी से साफ इनकार कर दिया और संपर्क तोड़ लिया। इस स्थिति में पीड़िता मानसिक रूप से टूट गई। परिवार द्वारा समझाने के प्रयास भी विफल रहे, जिसके बाद न्याय की आस में पीड़िता अपनी बड़ी बहन के साथ चैनपुर थाना पहुंची।
पुलिस में दर्ज हुई प्राथमिकी
मामले की गंभीरता को देखते हुए चैनपुर थाना पुलिस ने पीड़िता के बयान और लिखित आवेदन के आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म) और धारा 416 (छल द्वारा धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
चैनपुर थाना के एसआई अशोक कुमार एवं अरविंद कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया:
एसआई अशोक कुमार ने कहा: “पीड़िता के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपी फिलहाल फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है।”
आरोपी की तलाश में छापेमारी
पुलिस के अनुसार, आरोपी घटना के बाद से फरार है। उसे पकड़ने के लिए थाना के जवान लगातार संभावित ठिकानों पर दबिश दे रहे हैं। पुलिस का कहना है कि मामले में साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं और आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।
नाबालिगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि नाबालिग लड़कियां किस तरह सामाजिक और व्यक्तिगत स्तर पर असुरक्षित हैं। शादी का झांसा देकर शोषण के मामलों में अक्सर पीड़िताएं डर और बदनामी के कारण चुप रहती हैं, जिससे आरोपी लंबे समय तक कानून की पकड़ से बाहर रहते हैं। इस प्रकरण में पीड़िता की बड़ी बहन की भूमिका सराहनीय रही, जिन्होंने समय रहते पुलिस का सहारा लिया।
पीड़िता को न्याय का भरोसा
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी। आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। साथ ही पीड़िता को कानूनी और प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराने की बात भी कही गई है।
न्यूज़ देखो: नाबालिग अपराधों पर कानून की सख्ती जरूरी
यह मामला स्पष्ट करता है कि शादी का झांसा देकर किए गए अपराध केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक अपराध हैं। प्राथमिकी दर्ज होना एक जरूरी कदम है, लेकिन असली परीक्षा आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी और त्वरित न्याय में है। नाबालिगों की सुरक्षा के लिए कानून का सख्त और संवेदनशील क्रियान्वयन बेहद आवश्यक है। ऐसे मामलों में समाज और प्रशासन दोनों की सक्रिय भूमिका ही पीड़िताओं का भरोसा बहाल कर सकती है।
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चुप्पी तोड़ना ही पहला कदम है
यह घटना संदेश देती है कि अन्याय सहना समाधान नहीं है। समय पर शिकायत और कानूनी सहायता से ही पीड़िताओं को सुरक्षा और सम्मान मिल सकता है। समाज को भी ऐसे मामलों में पीड़िता के साथ खड़ा होना चाहिए, न कि सवालों के घेरे में खड़ा करना चाहिए।





